परली विधानसभा सीट: पंकजा मुंडे का मुकाबला चचेरे भाई धनंजय मुंडे से होगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 14, 2019

मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे ने बीड जिले में परली विधानसभा सीट को राजनीतिक नक्शे पर पहचान दिलायी और अब एक बार फिर उनकी बेटी पंकजा मुंडे और भतीजे धनंजय मुंडे के बीच इस सीट पर चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा। देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाले राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री पंकजा मुंडे ने परली से 2014 के विधानसभा चुनावों में अपने चचेरे भाई तथा राकांपा नेता को 25,000 मतों के अंतर से हराया था। परली मुंबई से करीब 470 किलोमीटर दूर स्थित एक ग्रामीण क्षेत्र है। भाजपा का लक्ष्य तेजी से रेल नेटवर्क बिछाने समेत इलाके में किए विकास कार्यों को रेखांकित कर एक बार फिर इस सीट पर कब्जा जमाना है। भगवा पार्टी को विश्वास है कि इस क्षेत्र के लोग पंकजा मुंडे के लिए वोट करेंगे जो ग्रामीण विकास और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री हैं तथा बीड की संरक्षक मंत्री भी हैं। वहीं, राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे अपनी बहन के ‘‘खराब प्रदर्शन’’ को चुनावी हथियार बना रहे हैं।

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भाजपा का कहना है कि वंजारी और मराठा समुदाय के प्रभुत्व वाले क्षेत्र में लोगों ने विकास कार्यों का अनुभव किया है जबकि राकांपा नेता का दावा है कि उनकी रिश्ते की बहन परली का विकास नहीं कर सकीं जबकि उनके पास राज्य मंत्रिमंडल में चार विभाग थे और उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में है।  धनंजय मुंडे ने कहा, ‘‘निर्वाचन क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में एक भी सिंचाई परियोजना नहीं चलाई गई।’’ उन्होंने कहा कि परली-बीड-नगर रेल परियोजना पर काम नहीं हो रहा है और सड़क परियोजनाएं भी रुकी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘परली की तरफ जाने वाली एक भी अच्छी सड़क नहीं है।’’

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हालांकि, उनके दावों को खारिज करते हुए महाराष्ट्र भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार और परली से मौजूदा विधायक ने पिछले पांच वर्षों में इस निर्वाचन क्षेत्र में कहीं अधिक विकास कार्य किए हैं जो कांग्रेस-राकांपा अपने 15 साल के शासनकाल में नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे सड़क हो या रेल का काम, सभी काम तेजी से किए गए जो कई वर्षों से अटके पड़े थे।’’ उपाध्याय ने कहा, ‘‘लोगों ने भी विकास देखा है और इसलिए वे निश्चित तौर पर विकास के लिए वोट करेंगे यानी कि पंकजा ताई के लिए।’’ इस निर्वाचन क्षेत्र में करीब 135 गांव हैं जिनमें कुल 3,05,660 मतदाता हैं। राकांपा में एक सूत्र ने बताया कि आबादी के लिहाज से इस क्षेत्र में वंजारी और मराठा समुदायों का प्रभुत्व बराबर माना जाता है।  उन्होंने कहा, ‘‘जब से दिवंगत गोपीनाथ मुंडे जी इसका प्रतिनिधित्व करते थे तो इस निर्वाचन क्षेत्र को वंजारियों के प्रभुत्व वाला माना जाता है।’’ राज्य में सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 21 अक्टूबर को होगा और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी।

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