Paramahansa Yogananda Death Anniversary: परमहंस योगानंद ने आधुनिक विश्व को क्रियायोग से कराया था परिचित

By अनन्या मिश्रा | Mar 07, 2024

आज ही के दिन यानी की 07 मार्च को बीसवीं सदी के महान संत परमहंस योगानंद ने महासमाधि में प्रवेश किया था। परमहंस योगानंद क्रिया योग के प्रणेता माने जाते हैं। उन्होंने पूरे विश्व को योग क्रिया की महत्ता से रूबरू करवाया था। साल 1952 में जब परमहंस योगानंद ने अमेरिका में अपने शरीर का त्याग किया, तो उनके शव की जांच के लिए एक महीने तक उन्हें शवगृह में रखा गया था। एक महीने की लंबी अवधि के बाद भी उनके चेहरे की आभा पहले जैसी थी और ना ही उनके शरीर में कोई विकृति आई। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर महान संत परमहंस योगानंद के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और शिक्षा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 5 जनवरी 1893 को परमहंस योगानंद का जन्म हुआ था। वह हिंदू बंगाली कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखते थे। परमहंस योगानंद के बचपन का नाम मुकुंद लाल घोष था। उनके पिता का नाम भगवती चरण घोष था, जोकि बंगाल-नागपुर रेलवे के उपाध्यक्ष थे। वहीं शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद साल 1915 में उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से इंटर किया। इसके बाद सीरमपुर कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

इसे भी पढ़ें: Swami Dayanand Saraswati Jayanti: स्वामी जी ने भारतीयों को दिया राष्ट्रीयता का उपदेश

संन्यास की दीक्षा

आपको बता दें कि लाहिड़ी महाशय से क्रियायोग की दीक्षा लेकर स्वामी युक्तेश्वर गिरि ने अपने सबसे योग्य शिष्य योगानंद को 'क्रियायोग' में दीक्षित किया। फिर परमहंस योगानंद ने अपने गुरु युक्तेश्वर से आज्ञा लेकर इस आध्यात्मिक योग संपदा से विश्व वसुधा को लाभान्वित करने का काम किया। योगानंद के मुताबिक क्रियायोग की प्रक्रिया श्वस्न संस्थान को साधने की एक सरल कार्यप्रणाली है। आधे मिनट की यह क्रिया स्वाभाविक तौर पर होने वाली आध्यात्मिक उन्नति के बराबर होती है।


आध्यात्मिक कार्य की शुरूआत

साल 1916 में परमहंस योगानंद ने आध्यात्मिक कार्यों की शुरूआत की थी। बता दें कि करीब सौ साल पहले भारत से अमेरिका आए परमहंस योगानंद को पश्चिम देशों में भारतीय योग का पहला गुरु माना जाता है। इनके प्रशंसकों में नोबेल पुरस्कार विजेता सीबी रमन के पोते स्वामी कृष्णानंद, एप्पल सीईओ स्टीव जॉब्स और सितार वादक रविशंकर आदि जैसी लोकप्रिय हस्तियां शामिल हैं। बताया तो यह भी जाता है कि स्टीव जॉब्स परमहंस योगानंद से इतना अधिक प्रभावित थे कि वह अपने आईपैड पर सिर्फ एक ही किताब रखते थे। जिसका नाम 'ऑटो बायोग्राफी ऑफ ए योगी' था। महज 27 साल की उम्र में अमेरिका पहुंचे योगानंद योग विज्ञान के प्रचार-प्रसार में जुट गए।


महासमाधि

बताया जाता है कि परमहंस योगानंद को अपनी मृत्यु का एहसास पहले से हो गया था। बता दें कि 7 मार्च 1952 की शाम को 59 साल की आयु में योगानंद ने महासमाधि ले ली।

प्रमुख खबरें

Hair Growth Toner: प्याज के छिलकों से घर पर बनाएं हेयर ग्रोथ टोनर, सफेद बाल भी हो जाएंगे काले

Vivo x200 Series इस दिन हो रहा है लॉन्च, 32GB रैम के अलावा जानें पूरी डिटेल्स

Kuber Temples: भारत के इन फेमस कुबेर मंदिरों में एक बार जरूर कर आएं दर्शन, धन संबंधी कभी नहीं होगी दिक्कत

Latur Rural विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने किया दशकों तक राज, बीजेपी को इस चुनाव में अपनी जीत का भरोसा