क्या है पाकिस्तान की नई चाल ? रावलाकोट की बंद पड़ी हवाई पट्टी की क्यों करा रहा मरम्मत ?
By अनुराग गुप्ता | Jul 31, 2021
इस्लामाबाद। लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिशें कराने वाला
पाकिस्तान अब नई योजना तैयार कर रहा है। इस बार पाकिस्तान
ड्रोन या कहें हथियार बंद यूएवी के लिए रनवे तैयार कर रहा है। लेकिन इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ किया जाएगा इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान 4 साल से बंद पड़ी हवाई पट्टी को दुरुस्त कराने में जुटा हुआ है। खास बात तो यह है कि इस हवाई पट्टी के आसपास किसी आम नागरिकों को जाने की अनुमति नहीं है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान रावलाकोट में बंद पड़ी हवाई पट्टी की मरम्मत करा रहा है। ताकि इसका इस्तेमाल किया जा सके। एक हिन्दी समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रावलाकोट में ठोस सतह वाली हवाई पट्टी है। जो करीब 3000 फुट लंबी और 80 फुट चौड़ी है। दिलचस्प बात तो यह है कि रावलाकोट की हवाई पट्टी ड्रोन इस्तेमाल के लिए एक दम परफेक्ट है।
बुराक यूएवी का होगा इस्तेमाल !रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने अप्रैल माह में रावलाकोट हवाई पट्टी का निरीक्षण किया था और इसे ऑपरेशनल बनाने के निर्देश दिए थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान रावलाकोट हवाई पट्टी का इस्तेमाल हथियार बंद ड्रोन के लिए करने वाला है। पाकिस्तान के पास बुराक यूएवी है। जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान की एयरफोर्स और सेना दोनों ही करती हैं।
पाकिस्तान में निर्मित बुराक यूएवी का इस्तेमाल पहली बार साल 2015 में आतंकियों के खिलाफ किया गया था। इन दिनों पाकिस्तान अपना पूरा ध्यान ड्रोन की तरफ केंद्रित कर रहा है। हालांकि ड्रोन हमले के बढ़ते अंदेशों को देखते हुए दुनिया के तमाम देश एंटी ड्रोन सिस्टम पर अपना ध्यान केंद्रित करने को मजबूर हो गए है।
आपको याद हो तो 27 जून को जम्मू में इंडियन एयरफोर्स स्टेशन में भी ड्रोन हमले हुए थे। इस हमले में दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी अभी जांच चल रही है। इस हमले के बाद अचानक से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में ड्रोन देखे जाने की खबरें आना शुरू हो गई थी। यहां तक की सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ ड्रोनों को निशाना बनाकर तबाह भी कर दिया था। ऐसे में ड्रोन के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से सुरक्षा एजेंसियों की परेशानियां बढ़ गई हैं।