By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 13, 2023
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर में रविवार को चरमपंथियों ने एक काफिले पर हमला कर दिया, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में दो चरमपंथी मारे गए। सेना ने यह जानकारी दी। समझा जाता है कि काफिले में शामिल वाहनों पर चीन के इंजीनियर सवार थे। यह प्रमुख बंदरगाह अरबों डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का एक प्रमुख केंद्र है, और चीन के भी कई कर्मचारी यहां काम करते हैं। सीपीईसी परियोजना के तहत चीन, बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। पाकिस्तानी थलसेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार पूर्वाह्न 10 बजे चरमपंथियों ने छोटे हथियारों और हथगोलों से हमला किया। आईएसपीआर ने दावा किया, ‘‘लेकिन प्रभावी और त्वरित जवाबी कार्रवाई में दो चरमपंथियों को मार गिराया गया।’’
सेना ने देश की शांति और समृद्धि को नुकसान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों को नाकाम करने का संकल्प लिया। हालांकि, उसने अपने बयान में चीन के इंजीनियरों पर किसी हमले का उल्लेख नहीं किया है। बलूचिस्तान में सक्रिय चरमपंथी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी - मजीद ब्रिगेड ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले क्वेटा की मीडिया ने खबरों में दावा किया था कि चीन के इंजीनियरों के काफिले पर मुख्य ग्वादर शहर में हमला किया गया, लेकिन साथ ही कहा था कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है। इससे पहले, आईएसपीआर ने एक बयान में कहा था कि इलाके में चरमपंथियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद अभियान शुरू किया गया। उसने कहा, ‘‘ सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाश अभियान शुरू कर दिया। सीनेटर सरफराज बुग्ती ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘ग्वादर में चीन के कर्मियों पर जघन्य हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं।
शुक्र है कि किसी की जान नहीं गई, लेकिन खबर है कि घात लगाकर किए गए हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया गया और हमलावर मारे गए हैं।’’ पिछले साल नवंबर में, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा सरकार के साथ अपना संघर्षविराम समाप्त किए जाने के बाद विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। पिछले महीने बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में पाकिस्तानी सेना के 12 कर्मी मारे गए थे।