काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है और पाकिस्तान उन्हें मान्यता दिलाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। हालांकि विशेषज्ञों ने पाकिस्तान को चेताया है कि उन्हें इसकी वजह से दीर्घकालिक नुकसान हो सकते हैं। इसी बीच हम आपको बता दें कि तालिबान ने खुले तौर पर पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को कबूला है। हालांकि यह भी किसी से नहीं छिपा है कि पाकिस्तान हमेशा से ही तालिबान का समर्थक रहा है।
तालिबान ने PAK को बताया दूसरा घर
इसी बीच तालिबान ने पाकिस्तान का अपना दूसरा घर बताया है। दरअसल, तालिबान के प्रकव्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान उनके लिए दूसरे घर की तरह है। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी गतिविधि को अनुमति नहीं देने की बात कही है।पाकिस्तानी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश किए हुए हमें 12 दिन हो चुके हैं। सभी इलाकों पर हमारा नियंत्रण है और शांति स्थापित हो रही है। उन्होंने महिलाओं के अधिकार की भी बात कही।तालिबान पर लोगों को भरोसा कमतालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं को इस्लाम पर आधारित अधिकार दिए जाएंगे। हालांकि अफगानी लोगों को तालिबान पर भरोसा थोड़ा कम है क्योंकि उन्होंने विगत में उन्हें द्वारा किए गए अत्याचारों को देखा है। तभी तो काबुल में तालिबान की एंट्री के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया और लोग वहां से निकलने के लिए विवश हो गए।
तालिबान ने अफगानिस्तान में मजबूत सरकार की जरूरत पर जोर दिया। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि हम मजबूत सरकार बनाना चाहते हैं जो इस्लाम पर आधारित हो। हमारी सरकार में अफगानी शामिल होंगे।
वहीं, उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए तालिबान के हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश ने कभी भी उनके मामलों में "हस्तक्षेप" नहीं किया है।