By अभिनय आकाश | Feb 17, 2024
8 फरवरी को पाकिस्तान में हुए चुनाव के बाद से अब तक करीब एक हफ्ते का वक्त गुजर चुका है। लेकिन नई सरकार के गठन को लेकर दावे तो लगातार किए जा रहे हैं। मुकम्मल स्थिति अभी तक साफ नहीं हो सकी है। नवाज शरीफ की पीएमएलएन और जेल में बंद इमरान खान की पार्टी पीटीआई सत्ता पर काबिज होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाती नजर आ रही है। नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान में सरकार बनाने और शहबाज शरीफ को अगला प्रधानमंत्री बनाने को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। वहीं बिलावल भुट्टो की पार्टी ने आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति बनाने जबकि युसुफ रजा गिलानी या खुर्शीद शाह अहमद में से किसी एक को नेशनल असेंबली का स्पीकर बनाने की शर्त रखी।
जेल में बंद इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने भी सरकार बनाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। पीटीआई ने अयूब खान को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार भी बना दिया है। हालांकि 101 नेशनल असेंबली सीटें जीतने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के बावजूद, सरकार केवल एक मान्यता प्राप्त पार्टी या पार्टियों के गठबंधन द्वारा बनाई जा सकती है, इसलिए उन्हें एक प्रभावी ब्लॉक बनने के लिए दूसरे समूह में शामिल होना होगा।
कौन हैं उमर अयूब?
26 जनवरी 1970 को जन्मे उमर अयूब प्रसिद्ध अयूब खान परिवार से हैं, उनके दादा जनरल मुहम्मद अयूब खान, पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनके पिता, गोहर अयूब खान का भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक करियर था, उन्होंने नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में कार्य किया और विभिन्न मंत्री पदों पर कार्य किया। उमर अयूब ने अपनी शिक्षा पाकिस्तान और विदेशों दोनों में प्रतिष्ठित संस्थानों से प्राप्त की। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पाकिस्तान में पूरी की और बाद में विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त की। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी में शामिल हो गए, जिसकी स्थापना पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने की थी, जो बाद में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री बने। पिछले कुछ वर्षों में, उमर अयूब खान ने पीटीआई और सरकार के भीतर कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने आर्थिक मामलों के मंत्री, ऊर्जा मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री सहित विभिन्न मंत्री पद संभाले हैं।
क्या है भारत संग कनेक्शन
उमर फिल्ड मार्शल अयूब खान के पोते हैं जिन्होंने 1965 में भारत के खिलाफ जंग छेड़ी थी। उमर अयूब खान 2002 से 2018 तक पाकिस्तान मुस्लिम लीग नून में रहे। 2018 में उन्होंने इमरान खान की पार्टी पीटीआई का दामन थाम लिया।