इंटरनेट स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान दुनिया के 10 बदतर देशों में से एक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 06, 2019

इस्लामाबाद। इंटरनेट और डिजिटल मीडिया स्वतंत्रता के लिहाज से पाकिस्तान दुनिया के 10 बदतर देशों में से एक है। इंटरनेट की प्रहरी एक संस्था की तरफ से जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट अधिकार समूह, ‘द फ्रीडम हाउस’ ने मंगलवार को 2019 के लिए अपनी ‘फ्रीडम ऑन द नेट’ रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘सोशल मीडिया का संकट’है जिसमें जून 2018 से मई 2019 के बीच वैश्विक इंटरनेट स्वतंत्रता में गिरावट दर्ज की गई। ‘डॉन न्यूज’ ने रिपोर्ट के हवाले से खबर दी कि संस्था ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को 100 सबसे बुरे देशों (इंटरनेट स्वतंत्रता की नजर से) में 26वें स्थान पर रखा है। पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में पाकिस्तान एक स्थान और नीचे खिसक गया है। 

इसे भी पढ़ें: मांगें मानने के बावजूद इमरान और मौलाना की दूसरे दौर की बातचीत भी फेल

देश ने इंटरनेट तक पहुंच में बाधा के मामले में 25 में से पांच अंक, कंटेंट सीमित किए जाने के मामले में 35 में से 14 और उपयोगकर्ता अधिकार सूचकांक के उल्लंघन के मामले में 40 में से मात्र सात अंक प्राप्त किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक तौर पर इंटरनेट एवं डिजिटल मीडिया स्वतंत्रता के लिहाज से पाकिस्तान 10 सबसे बुरे देशों में से है। क्षेत्रीय रैंकिंग के लिहाज से, पाकिस्तान वियतनाम और चीन के बाद तीसरे बुरे देश के तौर पर उभरा है।

इसे भी पढ़ें: नवाज शरीफ की हालत ज्यादा बिगड़ी, डॉक्टर बोले- विदेश जाने की जरूरत

इंटरनेट स्वतंत्रता में आई गिरावट के अलावा रिपोर्ट में पाया गया कि पाकिस्तान में चुनाव में भी गड़बड़ियां हुईं। इसमें पाया गया कि गलत या भ्रामक जानकारियां फैलाने के लिए अत्यंत पक्षपाती टीकाकारों, बोट (इंटरनेट प्रोग्राम) या समाचार वेबसाइटों के समन्वित प्रयोग जैसी अंतरराष्ट्रीय युक्तियों के साथ ही वेबसाइट को ब्लॉक करना या उससे संपर्क पर जानबूझकर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों जैसी तकनीकी चालों का उपयोग किया गया। 

इसे भी पढ़ें: अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा, अफगानिस्तान में कमजोर सरकार बनाना चाहता है पाकिस्तान

पाकिस्तान के लिए इस रिपोर्ट को डिजिटल राइट्स फाउंडेशन ने तैयार किया है। रिपोर्ट तैयार किए जाने की अवधि के दौरान इंटरनेट में प्रवेश की समझ में मामूली वृद्धि देखी गई। पाकिस्तान में 6.7 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं जो पिछली रिपोर्ट की तुलना में महज एक करोड़ की वृद्धि है। हालांकि, इसमें यह भी बताया गया कि दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच देने के सरकार के प्रयासों में हाल के कुछ वर्षों में प्रगति देखी गई है।

इसे भी पढ़ें: प्रदर्शनकारियों के आगे झुके इमरान, खत्म हुई पाकिस्तान में खान साहब की सत्ता?

रिपोर्ट में पाया गया कि प्रदर्शनों, चुनावों और धार्मिक एवं राष्ट्रीय छुट्टियों के दौरान अधिकारियों ने अक्सर सुरक्षा कारणों का हवाला देकर दूरसंचार सेवाओं को नियमित तौर पर बाधित किया। 2018 के आम चुनाव के दौरान बलोचिस्तान के कई हिस्सों में खास तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। वहीं पूर्व संघ प्रशासित कबायली इलाकों (एफएटीए) में चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई। इसमें कहा गया है कि अधिकारियों ने आलोचना करने वाले पत्रकारों एवं कार्यकर्ताओं को चुप कराने के अपने प्रयासों को कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल कर बढ़ा दिया। उपयोगकर्ताओं को ईशनिंदा से जुड़ी सामग्रियां ऑनलाइन पोस्ट करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई, हालांकि उनकी याचिकाएं पुनर्विचार के लिए लंबित हैं।

प्रमुख खबरें

Andhra Pradesh के सीएम चंद्रबाबू नायडू के भाई राममूर्ति नायडू का निधन, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Borio Assembly Seat: बोरियो सीट पर हमेशा होता आया है कांटे का मुकाबला, इस बार बदले चुनावी समीकरण

Unilever ने यूरोप में छंटनी कम की, कुछ कर्मचारियों को आइसक्रीम बिजनेस में किया ट्रांसफर

भारत ने वो काम कर दिखाया जो कोई देश नहीं कर सका...आखिर Mumbai में ऐसा क्यों बोले Rajnath Singh