By अभिनय आकाश | May 19, 2022
ज्ञानवापी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल देते हुए वाराणसी की निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह इस मामले में तब तक कार्यवाही को आगे न बढ़ाए, जब तक इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो जाती है। वहीं श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले पर सबसे पहला वाद दायर करने वाली रंजना अग्निहोत्री की अपील पर गुरुवार को जिला जज राजीव भारती की अदालत ने बृहस्पतिवार को सुनवाई योग्य मानते हुए दर्ज कर लिया। पूरे मामले को लेकर शुरुआती दौर से ही मुखरता से विरोध करने वाले एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर अपना बयान दिया है।
श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले पर में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब दोनों पक्ष ने एग्रीमेंट कर लिया तो क्या उस समय श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ को ये बातें पता नहीं थी जो आज उठा रहे हैं। कोर्ट का जो अब आदेश आया है वो भी 1991 एक्ट के खिलाफ है। आप कैसे तय करेंगे कि वो स्थान जन्मस्थान की जगह है या नहीं। हम उम्मीद करते है कि कल जब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा वो काशी के लोवर कोर्ट के आदेश को स्टे देगा।
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी हो या मथुरा, अविश्वास का माहौल पैदा करना, मुस्लिम समुदाय के प्रति ज्यादा नफरत, हमारे हिंदू भाइयों में सुरक्षा की कमी और इस देश को पीछे ले जाने का विचार है। इन लोगों के लिए कानून कोई मायने नहीं रखता। वे मुस्लिम लोगों की इज्जत लूटना चाहते हैं। आप कानून व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं। जब एक और वादी अदालत में गया, तो अदालत ने कहा था कि नहीं, इसलिए आप एक अलग पक्ष बनाते हैं। ये सभी संघ परिवार से जुड़े हुए हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी रिपोर्ट मीडिया में लीक होने पर सवाल खड़े किये हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार से कहा है कि वह इस मामले की जांच कराये कि रिपोर्ट लीक कैसे हुई।