By रेनू तिवारी | Mar 09, 2022
उत्तर प्रदेश में 10 मार्च को चुनावी नतीजे आने वाले हैं। ऐसे में यूपी पुलिस ने अपनी कमर कस ली हैं। मतगणना केंद्र पर किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं। ऐसे कानपुर पुलिस की तरफ से एक अनोखा निर्देश जारी किया गया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। कानपुर पुलिस के निर्देशों के अनुसार अगर कोई चुनावी गड़बड़ी या मतगणना केंद्र पर किसी तरह की कोई बदमाशी करते हुए पाया गया तो उसे तुरंत गोली मार दी जाएगी। कानपुर पुलिन ने सूट एट साइट का फरमान जारी करके सभी दबंगों को ये चेताया हैं।
उत्तर प्रदेश के ADG (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश में मतगणना के लिए किए गये सुरक्षा इंतजामों पर कहा कि 10 मार्च की मतगणना के लिए लगभग 70,000 सिविल पुलिस के कर्मी, 245 कंपनी, अर्ध सैनिक बल तथा 69 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति अव्यवस्था या हुड़दंग करने की कोशिश करेगा तो उसके विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा एक कॉन्फ्रेंस में जिलाधिकारी के साथ एसपी स्वप्रिल ममगईं ने भी किसी भी तरह की गड़बड़ी या महौल खराब करने वाले को देखते ही गोली मारने का भी आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि मतगणना के दौरान किसी भी तरह की अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों और मतगणना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी या भ्रामक खबरें फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जाएंगे।
इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि 2017 के विधानसभा चुनाव की अपेक्षा राज्य में 2022 के विधानसभा चुनाव में हिंसा कम हुई है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को जारी एक बयान में शांतिपूर्ण तथा न्यूनतम हिंसक घटनाओं एवं बिना किसी जनहानि के मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने का दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से संबंधित हिंसा की घटनाओं की संख्या 2017 में 97 से घटकर 2022 में 33 रह गई। बयान के मुताबिक 2017 के विधानसभा निर्वाचन में कुल 97 चुनावी हिंसा घटित हुईं जिसमें मतदान दिवसों के पहले 75 घटनाएं तथा मतदान के दिन 22 घटनाएं हुई थीं। कुमार का कहना था कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कुल 33 चुनावी हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं जिनमें 28 घटनाएं मतदान से पहले और पांच घटनाएं मतदान के दिन हुईं। इन घटनाओं में कोई भी व्यक्ति गंभीर रूप से घायल या मृत नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान हुआ तथा पहला चरण 10 फरवरी को और सातवां चरण सात मार्च को था। दस मार्च को मतगणना होगी। बयान के अनुसार राज्य में 10 मार्च को होने वाली मतगणना की व्यापक तैयारी के संदर्भ में बयान में कहा गया कि मतगणना के लिए कुल 250 कंपनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सभी जिलों में भेजी गई है जिनमें 36 कंपनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा के लिए और 214 कंपनी मतगणना एवं कानून-व्यवस्था के लिए निर्धारित की गई है। मतगणना के लिए 61 कंपनी पीएसी भी जिलों में भेजी गई है। इनके साथ ही उप्र पुलिस के 65 राजपत्रित अधिकारी 1807 निरीक्षक, 9598 उपनिरीक्षक, 11,627 मुख्य आरक्षीऔर 48,649 आरक्षी भी नियुक्त किये गये हैं।