By अनुराग गुप्ता | May 17, 2022
नयी दिल्ली। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिषद में सर्वे-वीडियोग्राफी का काम पूरा हो चुका है और कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिनों का वक्त दिया है। दरअसल, सर्वे रिपोर्ट मंगलवार को ही दाखिल की जानी थी लेकिन सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट अभी पूरी तरह से तैयार नहीं होने की वजह से इस दाखिल करने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा गया था। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोअर कोर्ट का निर्णय पूर्णत: गैरकानूनी है। हम उम्मीद कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट उस आदेश पर स्टे लगा देगा लेकिन इससे हमें निराशा हुई है। लेकिन हम आगे उम्मीद करते हैं कि लोअर कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट स्टे लगाएगा और 1991 के पूजा स्थल अधिनियम, इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने और दूसरे पक्ष की सुनवाई के बिना सील करने में अनुचितता को पहचानेगा। इसी के साथ ही ओवैसी ने लोअर कोर्ट के आदेश को गलत, अनुचित और अवैध बताया है।
शिवलिंग की जगह को रखें सुरक्षित
ज्ञानवापी मस्जिद परिषद से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, जहां पर शिवलिंग पाए जाने की बात कही जा रही है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने आदेश दिया कि मुस्लिम बगैर किसी बाधा के नमाज अदा करना जारी रख सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने लोवर कोर्ट के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर किए गए सर्वे में वजू खाने को सील करके वहां किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी है। हालांकि मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है। उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है।