विपक्षी दलों ने LS की कार्यवाही का किया बहिष्कार तो कृषि मंत्री बोले- कांग्रेस के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 22, 2020

नयी दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा के निलंबित सदस्यों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए किसानों के मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। निचले सदन की बैठक मंगलवार को जब एक बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू हुई तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘एक भाई को तकलीफ हो, तब दूसरे भाई को भी तकलीफ होती है। किसानों के मुद्दे पर किसान आंदोलन कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कृषि मंत्री कृषि संबंधी विधेयक वापस लेते हैं तब हमें कोई परेशानी नहीं होगी। यह सरकार किसान विरोधी है, मजदूर विरोधी है।’’ 

इसे भी पढ़ें: नए संसद भवन के निर्माण की अनुमानित लागत कितनी है ? हरदीप पुरी ने दिया इसका जवाब 

वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘‘कांग्रेस के दांत दिखाने के कुछ हैं और खाने के कुछ और हैं। आज जो आंदोलन हो रहा है, उनमें जनता नहीं है और यह कांग्रेस प्रेरित है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार जिन सुधारों को लेकर आ रही है, उनसे खेती में अभूतपूर्व क्रांतिकारी परिवर्तन आयेगा। खेती की वृद्धि दर बढ़ेगी और किसान प्रौद्योगिकी से जुड़ सकेगा। तोमर ने लोगों का आह्वान किया, ‘‘ कांग्रेस के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस दुष्प्रचार में लगी हुई है। कांग्रेस के कार्यकाल में भी एमएसपी कानून का हिस्सा नहीं था।’’ कृषि मंत्री ने कहा कि सोमवार को रबी की फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की जो घोषणा की गई है, वह एमएसपी के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी चाहती थी कि ये सुधार लागू हों लेकिन वे बिचौलियों के दबाव के कारण ऐसा नहीं कर पाए। इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तोमर साहब (कृषि मंत्री) से काफी उम्मीद थी लेकिन उन्होंने किसानों के बारे में कुछ नहीं कहा। राज्यसभा के निलंबित सदस्यों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने जुड़वां भाई के साथ खड़े हैं।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘ किसानों के मुद्दे पर हमारी पार्टी (कांग्रेस) और सभी विपक्षी दल लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं।’’ इसके बाद सदन से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस और बसपा जैसे दलों ने सदन से वाकआउट किया। इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि दूसरे सदन में जो कुछ भी हुआ, इसकी चर्चा लोकसभा में नहीं होनी चाहिए। 

इसे भी पढ़ें: भाजपा की पुरानी सहयोगी पार्टी शिअद कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सिंतबर को करेगी चक्का जाम 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि पूरे देश में किसान संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा जबर्दस्त बहुमत के बल पर जो कर रही है, वह गलत है। जो कुछ भी हुआ है, वह गलत है। द्रमक के टी आर बालू ने कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर उपयुक्त तरीके से संसद की मंजूरी लेने की जरूरत बतायी। बसपा के रीतेश पांडे ने कहा कि एमएसपी को विधेयक का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। इस बीच, लोकसभ अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन ने पूरी चर्चा के बाद विधेयक को पारित किया है। निलचे सदन में इस पर 5 घंटे 13 मिनट चर्चा हुई और सदस्यों को बात रखने का पूरा मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि आज देश के मजदूरों के विषय पर भी विधेयक आना है।

प्रमुख खबरें

सक्रिय राजनीति फिर से होगी रघुवर दास की एंट्री? क्या है इस्तीफे का राज, कयासों का बाजार गर्म

क्या इजराइल ने सीरिया में फोड़ा छोटा परमाणु बम? हर तरफ धुंआ-धुंआ

1,000 नए रंगरूटों को दिया जाएगा विशेष कमांडो प्रशिक्षण, सीएम बीरेन सिंह ने दी जानकारी

Kazakhstan Plane Crash पर आया रूस का बयान, मार गिराए जाने के दावे पर जानें क्या कहा?