विपक्ष का सरकार पर हमला, कहा- महंगाई और बेरोजगारी पर बेपरवाह मोदी सरकार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 02, 2022

नयी दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष ने बुधवार को सरकार पर कमरतोड़ महंगाई, बेरोजगारी और कोविड के कारण उत्पन्न हालात से परेशान लोगों की मदद के लिए कोई भी ठोस उपाय नहीं करने का आरोप लगाते हुए दावा कि वह राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग एवं संघीय व्यवस्था पर ‘‘सर्जिकल’’ हमले कर रही है। विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए सत्ता पक्ष ने दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार महिलाओं, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति सहित सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है। उच्च सदन में आज विपक्षी सदस्यों और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सरकार के कामकाज को लेकर यह बातें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हुई चर्चा के दौरान कही। यह धन्यवाद प्रस्ताव भाजपा की गीता उर्फ चन्द्रप्रभा ने पेश किया जिसका उन्हीं की पार्टी के श्वेत मलिक ने अनुमोदन किया।

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चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि राष्ट्रपति का यह अभिभाषण न तो कोई नीतिगत दस्तावेज है और न ही उसमें कोई दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार ने केवल अपनी उपलब्धियों का ही बखान किया है।सरकार पर ‘‘काम कम करने और प्रचार ज्यादा करने’’ का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा ‘‘आज लोकतंत्र खतरे में है। स्थिति यह है कि सच बोलने वाले को देशद्रोही करार दे दिया जाता है। बार बार हम पर सवाल उठाया जाता है कि हमने 70 साल में क्या किया ? अगर हमने 70 साल में कुछ नहीं किया होता तो यह सवाल करने वाले लोग ऊंचे पदों पर नहीं बैठे होते।’’ खड़गे ने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा ‘‘2014 में वादा किया गया था कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नौकरियां तो दी नहीं गईं, उल्टे बेरोजगारी ही तेजी से बढ़ी। आज करीब नौ लाख सरकारी पद खाली हैं। रेलवे में 15 प्रतिशत, रक्षा में 40 प्रतिशत पद खाली हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में भी रिक्तियां हैं।’’ खड़गे जब अपनी बात रख रहे थे तब सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि अभिभाषण में महंगाई का जिक्र ही नहीं है जबकि 2021 में 12 साल का रिकार्ड टूट गया और मुद्रास्फीति आज 14.23 प्रतिशत है। खड़गे ने कहा कि महंगाई इतनी बढ़ गई है कि आम आदमी के लिए गुजारा करना मुश्किल हो गया है। ‘‘महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है फिर अच्छे दिन कहां हैं? भुखमरी सूचकांक में 116 देशों में भारत 101 पायदान पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2013 में चीन के साथ सीमा पर तनाव के दौरान तत्कालीन विपक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार लाल आंखें कर चीन को समझाए। लेकिन आज चीन हमारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहा है तब सरकार की आंखें लाल क्यों नहीं होतीं? आज सरकार ने क्यों मौन धारण कर रखा है? सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। सीमा पर भारत के कई सैनिकों की जान जा चुकी है। ’’ उन्होंने सरकार पर निजीकरण की ओर अधिक ध्यान देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा ‘‘एयर इंडिया तो घाटे में था। लेकिन एलआईसी तो घाटे में नहीं है। इसी तरह के, सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रम हैं जिन्हें घाटे में बता कर निजीकरण की राह दिखाई जा रही है।’’ खड़गे ने कहा कि अगर सरकार तीनों कृषि कानून पहले ही वापस ले लेती तो इन कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे 700 से अधिक किसानों की जान बच सकती थी। उन्होंने कहा ‘‘किसानों की आमदनी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार वालों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। आंदोलन कर रहे किसानों के लिए आतंकवादी जैसे शब्दों का उपयोग किया गया और एक मंत्री के बेटे ने तो लखीमपुर में किसानों को वाहन से कुचल दिया। लेकिन यह सब करने वालों पर कोई कार्रवाई उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए नहीं की गई।’’ नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि ईसाई समुदाय के लोगों पर धर्मांतरण और विभिन्न आरोपों में हमले बढ़े हैं। ‘‘उनके पूजा स्थलों पर हमले हुए हैं। कर्नाटक में तो धर्मांतरण रोधी विधेयक लाया गया। यह अल्पसंख्यकों को परेशान करने वाली बात है। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में करीब 500 आतंकी घटनाएं हुई हैं तथा करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी गंगा मैली ही है।

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खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बड़ी आबादी के कोविड रोधी टीकाकरण का श्रेय ले रही है लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण में करीब 47 फीसदी टीकाकरण की बात कही गई है। उन्होंने सरकार पर कोविड से जान गंवाने वालों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गंगा नदी में शवों के बहने की तस्वीरें हृदय विदारक थीं। उन्होंने कोविड महामारी में जान गंवाने वालों को समुचित मुआवजा दिए जाने की मांग की। उन्होंने सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सीबीआई, ईडी आदि का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने काले धन पर संसद में श्वेत पत्र लाने की चुनौती दी। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में असली मुद्दों से किनारा किया गया है और यह वर्तमान स्थिति की धुंधली तस्वीर पेश करता है। रॉय ने विभिन्न संस्थाओं की ओर से जारी आकंड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है ओर वह विकराल रूप धारण कर रही है। सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने और आईएएस (संवर्ग) नियामवली 1954 के प्रस्तावित संशोधन संबंधी फैसलों का उल्लेख करते हुए रॉय ने कहा कि विपक्ष शासित राज्य सरकारें इन फैसलों का विरोध कर रही हैं लेकिन इसके बावजूद इन एकतरफा फैसलों को उनपर थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अभूतपूर्व है और संघीय ढांचे पर सर्जिकल अटैक है।’’

रॉय ने निर्वाचन आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, केंद्रीय सर्तकर्ता आयोग जैसी संस्थाओं का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह इनका दुरुपयोग अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आर्थिक सुधार के नाम पर सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जा रहा है। भाजपा की गीता उर्फ चंद्रप्रभा ने कहा कि सरकार ने ‘‘सबका साथ सबका विश्वास’’ के मंत्र के आधार पर समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय मेडिकल परीक्षाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए विभिन्न पहल की हैं। उन्होंने जिक्र किया कि सरकार समाज के सभी वर्गों के बीच समानता के भाव के साथ जो काम कर रही है, उसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन में भी दिखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में ओबीसी वर्ग से 27 , एससी वर्ग से 20 सदस्य और 11 महिलाएं शामिल हैं।

भाजपा सदस्य ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पौने दो करोड़ घरों का निर्माण कराया गया है, वहीं उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में करीब 20 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 25 लाख मकानों का निर्माण करवाया जा चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उपहास करने के लिए विपक्षी नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें इस योजना के महत्व के बारे में दूर-सुदूर के गांवों में रहने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं से पूछना चाहिए जिनके मकानों की छत बरसात में गिर जाती थी और वे रात भर दीवारों पर पन्नी बांधकर सामान की सुरक्षा करती थीं तथा घर के अन्य सदस्य किसी दूसरे की छत के नीचे रात बिताते थे। चंद्रप्रभा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लगभग सवा लाख लोगों को आवास मुहैया करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने प्रधानमंत्री पर जिस तरह से विश्वास करते हुए उन्हें देश के शासन की बागडोर सौंपी है, उसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने हर क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है। भाजपा सदस्य ने यह भी दावा किया कि देश में खुले में शौच से मुक्ति के जो प्रयास किए गये उससे न केवल पांच लाख मौतों को रोका जा सका बल्कि पेचिश के 20 लाख मामले भी टाल दिए गए। उन्होंने कहा कि इससे प्रत्येक परिवार का रोगों पर खर्च होने वाला करीब 50 हजार रूपये का धन भी बचा है। चंद्रप्रभा ने दावा किया कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए कोई योजना शुरू करते हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके ‘‘कंधे से कंधा मिलाकर उस योजना को तुरंत जमीन पर साकार करने के लिए काम शुरू कर देते हैं।

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