By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 25, 2021
नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि इस समय मौजूद 6,000 क्रिप्टोकरंसी में से कुछ ही आगे बनी रहेंगी। राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सनक की 17 वीं शताब्दी में नीदरलैंड में ट्यूलिप फूल को लेकर दीवानगी से तुलना करते हुए कहा कि लोग दो कारणों से क्रिप्टोकरेंसी रखते हैं - एक कि यह एक संपत्ति है जिसका मूल्य बढ़ सकता है ओर मुद्रा के रूप में इसे रखा जा सकता है और दूसरा, इसका उपयोग भुगतान में किया जा सकता है। उन्होंने कहा, क्या हमें भुगतान करने के लिए वास्तव में 6,000 क्रिप्टोकरेंसी की जरूरत है? एक या दो, (क्रिप्टोकरेंसी) शायद मुट्ठी भर हो सकती हैं, जो भुगतान में इस्तेमाल के लिए आगे बनी रहें, भले ही यह तकनीक इतनी उपयोगी है कि यह नकदी और मुद्रा का विकल्प हो सकती है।
राजन ने समाचार चैनल सीएनबीसी-टीवी18 से कहा, इससे पता चलता है कि आगे चलकर उच्च मूल्यों के साथ ज्यादातर क्रिप्टो के बने रहने की संभावना नहीं है। उनकी यह टिप्पणी कुछ अपवादों के साथ, सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार द्वारा संसद में पेश किए जाने की खातिर एक विधेयक के सूचीबद्ध किए जाने के एक दिन बाद आयी है। गौरतलब है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है। इसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गयी है।
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गयी है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गयी है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है।