By विजयेन्दर शर्मा | Feb 16, 2022
चंडीगढ़ । राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में कार्यरत नॉन-टीचिंग स्टाफ (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, असिस्टेंट, स्टेनो टाइपिस्ट, क्लर्क, लैबोरेटरी अटेंडेंट और जूनियर लेक्चर असिस्टेंट) ग्रुप-सी काडर के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह नीति राजकीय कॉलेजों में नियमित आधार पर कार्यरत कॉलेज काडर ग्रुप- सी/मिनिस्ट्रीयल स्टाफ, जहां स्वीकृत पदों की संख्या 80 या उससे अधिक हो, पर लागू होगी।
उच्चतर शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डिप्टी सुपरिटेंडेंट, असिस्टेंट, स्टेनो टाइपिस्ट, क्लर्क, लैबोरेटरी अटेंडेंट और जूनियर लेक्चर असिस्टेंट की विभिन्न स्थानों पर निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से तैनाती सुनिश्चित करने तथा उनमें कार्य संतुष्टि बढ़ाने व उनके प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य से इस नीति को तैयार किया गया है।प्रवक्ता ने बताया कि सामान्य स्थानांतरण वर्ष में केवल एक बार किए जाएंगे। हालांकि, पदोन्नति, सीधी भर्ती और लोक हित में आवश्यकतानुसार पदों की भर्ती करने हेतु स्थानांतरण/नियुक्ति सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी भी समय किया जा सकता है। ऑनलाइन प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी और 31 मार्च के बाद या विभाग की अनिवार्यता के अनुसार क्रियान्वित किए जाएंगे। इस नीति के तहत पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारी को किसी भी सरकारी कॉलेज या राज्य में कहीं भी या लोक हित में स्थानांतरित किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इस नीति के तहत स्थानांतरण/ नियुक्ति के लिए आयु और कम्पोजिट स्कोर को भी ध्यान में रखा जाएगा। रिक्ति के लिए आवंटन का निर्णय निर्धारित 80 अंकों में से कर्मचारी द्वारा अर्जित कुल संयुक्त अंकों के आधार पर किया जाएगा। अधिकतम अंक अर्जित करने वाला कर्मचारी किसी विशेष रिक्ति के खिलाफ स्थानांतरण का हकदार होगा। किसी रिक्ति के समक्ष कर्मचारी के दावे को तय करने के लिए आयु प्रमुख कारक होगी, क्योंकि इसमें कुल 80 अंकों में से 60 अंकों की वरीयता होगी। हालांकि, विशेष श्रेणियों के कर्मचारियों द्वारा अधिकतम 20 अंकों के विशेष लाभ का दावा किया जा सकता है।
यदि पति और पत्नी भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम में कार्यरत हैं, तो उस स्थिति में दोनों में से केवल एक ही पाँच अंकों के लाभ का दावा कर सकता है और उसके लिए उसे स्वयं घोषणापत्र (डेक्लारेशन) जमा करवाना होगा कि उसके पति या पत्नी ने इस श्रेणी (कपल केस) का लाभ नहीं लिया है। यह स्वयं घोषणापत्र ड्राइव में भाग लेते समय पोर्टल पर अपलोड करना होगा।