जानकारी अनुसार ग्राम खोलइया में रात 3 बजे के लगभग रामलखन यादव का पुत्र संतोष यादव बाहर निकाला तो उसे नवजात के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। जिसके बाद उसने अपनी माँ के साथ जाकर देखा, जहां नवजात कचरे ढेर में पड़ा था। जिसे अपने घर में लाकर रखते हुए सूचना पुलिस सहित सामाजिक कार्यकर्ता शशिधर अग्रवाल को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे उप निरीक्षक रंगनाथ मिश्रा, आशा कार्यकर्ता सोनबाई कोल, सरपंच बैहार सावित्री कोल के साथ जिला चिकित्सालय में नवजात को उपचार हेतु भर्ती कराया गया। जहां बच्चे के मुंह के अंदर फंसी प्लास्टिक की पन्नी के टुकडे निकाले गए। वहीं नवजात की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। कोतवाली निरीक्षक खेम सिंह पेन्द्रों ने घटना की गंभीरता को देख मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।