By अंकित सिंह | Apr 09, 2024
पश्चिम बंगाल के सियासत अब तूफान पर है। लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक प्रचार जोर पकड़ चुका है। पश्चिम बंगाल में सभी सात चरणों में वोट डाले जाने हैं। 19 अप्रैल को इसकी शुरुआत भी होगी। बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच मुकाबला है और यही कारण है कि ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी की सियासी लड़ाई एक बार फिर से जबरदस्त तरीके से देखने को मिल रही है। नरेंद्र मोदी ने भी बंगाल में अपने रैलियों की शुरुआत कर दी है तो वहीं ममता बनर्जी भी लगातार अपना संबोधन दे रही हैं। भाजपा जहां पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था और महिलाओं की स्थिति को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर है। तो वहीं ममता बनर्जी लोकतंत्र और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का हवाला देते हुए केंद्र की सरकार पर निशाना साध रही है।
नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा की खुली छूट चाहती है और यही वजह है कि ऐसे मामलों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों को राज्य में हमलों का सामना करना पड़ता है। जलपाईगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल में ‘टीएमसी का सिंडिकेट राज’ कायम है और पार्टी केवल अपने भ्रष्ट नेताओं को बचाने में रुचि रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार बंगाल में लूटपाट और आतंक के लिए खुली छूट चाहती है। तृणमूल कांग्रेस अपने जबरन वसूली करने वाले और भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के यहां आने पर उन पर हमले की साजिश रचती है।’’
पुरुलिया जिले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और आयकर विभाग जैसी एजेंसियां भाजपा के ‘‘हथियार’’ के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी नेताओं को परेशान करने के लिए एनआईए, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वे बिना किसी पूर्व सूचना के छापेमारी कर रहे हैं और घरों में घुस रहे हैं। जब रात में सभी लोग सो रहे हों और कोई उनके घर में घुस जाए तो महिलाएं क्या करेंगी?’’ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की एक जेब में एनआईए और सीबीआई है और दूसरी जेब में ईडी और इनकम टैक्स है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान छिड़ा रहता है। बंगाल राजनीतिक रूप से काफी अहम है क्योंकि यहां लोकसभा की 42 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा ने इनमें से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। एक तरीके से यह बीजेपी का शानदार प्रदर्शन था। इसी तरीके की उम्मीद भाजपा इस बार के चुनाव में कर रही है। दूसरी ओर ममता बनर्जी का दावा है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से टीएमसी ने भाजपा को हराया था, ठीक इस पर भी वैसा ही होगा। 2021 की विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने बुरी तरीके से बीजेपी को परास्त किया था। इतना ही नहीं, विपक्ष के तमाम नेताओं में से ममता बनर्जी पीएम मोदी को लगातार चुनौती देती रहती हैं। इसलिए दोनों की सियासी लड़ाई चर्चा के केंद्र में बनी रहती है।