By अंकित सिंह | Sep 11, 2023
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भाजपा पर सीधे हमले से एक नया विवाद शुरू हो गया। उद्धव ने कहा कि ऐसी संभावना है कि राम मंदिर उद्घाटन के बाद गोधरा जैसी स्थिति हो सकती है। सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए उद्धव ने कहा कि सरकार राम मंदिर उद्घाटन के लिए बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है और उनकी वापसी यात्रा पर गोधरा जैसी घटना हो सकती है। आपको बता दें कि राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी 2024 में होने की संभावना है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन के लिए 21 जनवरी से 24 जनवरी के बीच की संभावित तारीख तय की जा रही है।
वहीं, उद्धव के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि यह पूरा गठबंधन, जो पीएम मोदी के खिलाफ है, वोट के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है... मैं भगवान राम से प्रार्थना करना चाहता हूं कि उन्हें कुछ सद्बुद्धि दें। यह शर्मनाक और अशोभनीय टिप्पणी है। हम इसकी निंदा करते हैं। राम जन्मभूमि अयोध्या के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होना...उद्धव ठाकरे द्वारा ऐसी कल्पना करना बिल्कुल गलत, बचकाना और नासमझी है। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए। बाल ठाकरे की राम मंदिर के लिए जो भावना थी उसके विपरीत भावना उद्धव ठाकरे की हो गई है क्योंकि वे कांग्रेस के साथ चले गए हैं, वे अब कांग्रेस वाली भाषा बोलने लगे हैं।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग सत्ता के लालच में अपनी पार्टी की विचारधारा को भूल गए हैं। जब अनुराग ठाकुर से उद्धव के बयान पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि बालासाहेब (शिवसेना के दिवंगत संस्थापक और उद्धव ठाकरे के पिता) ने आज क्या सोचा होगा और सत्ता के लालच में उद्धव जी आज क्या कर रहे हैं।" यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बीजेपी नेताओं ने सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर भारत के नेताओं को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अनुराग ठाकुर ने उदयनिधि के उस बयान पर उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी की चुप्पी की भी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू और मलेरिया की तरह है और इसे खत्म करने की जरूरत है।