By अनन्या मिश्रा | Aug 06, 2024
आज से 79 साल पहले आज ही के दिन यानी की 06 अगस्त को जापान ने जो तबाही का मंजर देखा था, उसको शायद ही इतिहास में कभी भुलाया जा सकता है। बता दें कि अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर में परमाणु बम गिराया था। हिरोशिमा में परमाणु बम ने 4000 डिग्री से भी ज्यादा की गर्मी पैदा की और देखते ही देखते पल भर में पूरा शहर तबाह हो गया। फिर इसके तीन दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी में परमाणु बम गिराकर तबाही मचा दी।
जापान को दिया कभी न भूलने वाला दर्द
साल 1939 में शुरू हुए विश्व युद्ध को छह साल हो चुके थे। लेकिन जंग थमने का नाम नहीं ले रही थी। उस दौरान जापान एक ताकतवर देश हुआ करता था और वह द्वितीय युद्ध के दौरान लगातार हमले कर रहा था। जापान को रोकने के लिए अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया और जापान को कभी न भूलने वाला दर्द दिया। अमेरिका ने हिरोशिमा में लिटिल बॉय और नागासाकी में फैट बॉय नामक परमाणु बम गिराया था।
अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम का ऐसा असर हुआ कि पल भर में ही करीब 40 हजार लोग मौत की नींद सो गए। परमाणु हमले का जापान पर कुछ ऐसा असर हुआ कि हिरोशिमा के आसपास बसे शहरों में परमाणु विकिरण की वजह से न जाने कितने सालों तक अपंग बच्चे पैदा होते रहे। हिरोशिमा और नागासाकी में तबाही का मंजर देखकर जापान ने अमेरिका में सरेंडर कर दिया और इस तरह से द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया।
बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर जापानी सेना ने हमला कर दिया था। जिसका जवाब देते हुए अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा औऱ नागासाकी शहर पर परमाणु बम गिरा दिया। जापान में परमाणु हमले का ऐसा असर हुआ कि हिरोशिमा और नागासाकी शहर में रहने वाले लोग जलन, विकिरण बीमारी और अन्य घावों की वजह से मरते रहे। परमाणु हमले से हिरोशिमा शहर में एक लाख से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी।
अपने दोनों शहरों में तबाही का मंजर देखते हुए जापान ने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर और फिर कभी परमाणु बम न बनाने का संकल्प लिया। वहीं जापान के दो शहरों को तबाह करने के बाद भी अमेरिका ने आज तक परमाणु हमले के लिए जापान से माफी नहीं मांगी।