By अंकित सिंह | Sep 08, 2022
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच लगातार जुबानी जंग देखने को मिलती है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को ऑफर देते हुए कहा था कि आप 100 विधायकों को लाइए और हमारे समर्थन से मुख्यमंत्री बनें। इस पर केशव मौर्य की ओर से लगातार पलटवार किया जा रहा है। एक बार फिर से के सोमवार में अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। केशव मौर्य ने साफ तौर पर कहा है कि लगातार मिल रहे पराजय से वह बहकी बहकी बात करने लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने सपा प्रमुख को अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती दी।
अपने ट्वीट में केशव मौर्य ने लिखा कि अखिलेश यादव जी पहले भाजपा के खिलाफ अपने 125 विधायकों को एक साथ एकत्रित कर लें। मैं जानता हूँ चुनावों में लगातार पराजय से बिगड़े स्वास्थ्य के कारण आप बहकी बहकी बात करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा 25 साल सत्ता में कार्यकर्ताओं के परिश्रम, जनता के आशीर्वाद और मोदी मॉडल पर काम से बनी रहेगी! वहीं, उत्तर प्रदेश के दूसरे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी पूरे मामले को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सपा एक डूबता हुआ जहाज है। हमने समाजवादी पार्टी को वर्ष 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में और 2019 के लोकसभा चुनाव में हराया है; समाजवादी पार्टी प्रदेश से ‘डिलीट’ हो चुकी (मिट चुकी) है और आने वाले चुनावों में भाजपा एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करेगी।
इससे पहले उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने ट्वीट कर कहा था कि केशव जी संगठन के, पार्टी के प्रमाणित एवं भाजपा की विचारधारा के लिए समर्पित कार्यकर्ता हैं। वह सदैव हमारे साथ रहेंगे, किसी स्वार्थ में पड़ने वाले नेता नहीं है। वह अखिलेश यादव को चलाएंगे, अखिलेश यादव उन्हें क्या चला पाएंगे। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव तो अपने गठबंधन की, अपने परिवार की, अपनी पार्टी की, अपने विधायकों की भी चिंता कर लें क्योंकि उनके विधायक हमारे संपर्क में हैं।