By अंकित सिंह | Oct 08, 2022
शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी की तस्वीर की खूब चर्चा रही। दरअसल, जयपुर में राजस्थान समिट चल रहा है और यहां देश के अलग-अलग उद्योगपति भी पहुंच रहे हैं। अडानी समूह की ओर से राजस्थान में बड़ा निवेश किया जा रहा है। इसके बाद से भाजपा कांग्रेस से जबरदस्त तरीके से सवाल पूछ रही है। दरअसल, कांग्रेस मोदी सरकार पर अडानी और अंबानी का नाम लेकर निशाना साधती रहती है। अशोक गहलोत के साथ अडानी की तस्वीर से भाजपा को भी मौका मिल गया। भाजपा के इसी प्रहार पर अब राहुल गांधी ने जवाब दिया है। राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे प्रस्ताव को कोई भी मुख्यमंत्री मना नहीं करेगा, मेरी सोच एकाधिकार के खिलाफ है।
अपने बयान में राहुल ने कहा कि अडानी ने राजस्थान को 60,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया, ऐसे प्रस्ताव को कोई भी मुख्यमंत्री मना नहीं करेगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने अडानी को कोई तरजीह नहीं दी या अपने (गौतम अडानी के) व्यवसाय में मदद करने के लिए अपनी राजनीतिक शक्ति का उपयोग नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस बात का विरोध करता हूं कि बीजेपी सरकार ने भारत में हर कारोबार में 2-3 लोगों को इजारेदार बना दिया है, मैं पूंजी की इस एकाग्रता के खिलाफ हूं, मैं व्यापार या सहयोग के खिलाफ नहीं हूं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर राहुल ने कहा कि दोनों लोग (शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे) जो (कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में) खड़े हैं, उनके पास स्थिति और दृष्टिकोण है और वे क़ानून और समझ के लोग हैं। मुझे नहीं लगता कि इनमें से कोई भी रिमोट कंट्रोल होगा।
राहुल ने भाजपा-आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि यह कांग्रेस पार्टी के नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई की, जिन्होंने जेल में कई साल बिताया। महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, उन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी। उन्होंने कहा कि मेरी समझ के मुताबिक RSS अंग्रेजों की मदद करते थे और सावरकर को अंग्रेजों से वजीफा मिल रहा था। ये ऐतिहासिक तथ्य है... स्वतंत्रता संग्राम में कहीं भी भाजपा नहीं दिखेगी। इसके साथ ही इससे फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाले व्यक्ति कौन हैं और किस समुदाय से आते हैं। नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र-विरोधी कार्य है और हम हर उस व्यक्ति के खिलाफ लड़ेगे जो नफरत फैलाएगा।