By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 22, 2019
नयी दिल्ली। तोक्यो ओलंपिक में अब केवल एक साल का समय बचा है लेकिन भारतीय टेबल टेनिस टीम के विदेशी कोच देजान पेपिच अभी तक राष्ट्रीय टीम से नहीं जुड़े हैं जिससे खिलाड़ियों की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं। भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) ने मार्च में मैसिमो कोस्टेनटिनी की जगह पर पेपिच को मुख्य कोच नियुक्त किया था। कोस्टेनटिनी ने निजी कारणों से अपना पद छोड़ दिया था। कोस्टेनटिनी के रहते हुए भारत ने अच्छी प्रगति की थी तथा उसने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल और जकार्ता एशियाई खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए टेबल टेनिस में पदक का 60 साल का इंतजार खत्म किया था। लेकिन उनके जाने के बाद खिलाड़ी कोच के बिना ही अभ्यास कर रहे हैं।
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भारत के चोटी के पैडलर अचंता शरत कमल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मैसिमो (कोस्टेनटिनी) को कुछ पारिवारिक कारणों से जाना पड़ा। इसके बाद नया कोच नियुक्त किया गया लेकिन हमें नहीं पता कि वह कब पद संभालेंगे। कोच के बिना ओलंपिक के लिये तैयारियां करना मुश्किल है। पेपिच ने बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप के दौरान भारत के सीनियर खिलाड़ियों से बात की थी। उन्हें इस महीने टीम से जुड़ना था तथा कटक में चल रही राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैंपियनशिप उनकी भारतीय टीम के साथ पहली प्रतियोगिता होती। शरत ने कहा कि आप परिणाम देख लो। केवल मैं, जी साथियान और मनिका (बत्रा) ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हम खुद ही अभ्यास कर रहे हैं और एकल के अभ्यास पर अपने आप ही नजर रख रहे हैं लेकिन युगल के लिये हमें विशेषज्ञ कोचिंग की जरूरत पड़ती है।’’टीटीएफआई के एक अधिकारी के अनुसार महासंघ को पेपिच के जवाब का इंतजार है।
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अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय खेल प्राधिकरण ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और हमने चार - पांच दिन पहले पेपिच को पत्र भेज दिया था। हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। ’’रियो ओलंपिक के लिये चार भारतीय खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया था और शरत को उम्मीद है कि टीम तोक्यो ओलंपिक में जगह बनाने में सफल रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की अच्छी संभावना है। हमारी वरीयता नौ से 11 के बीच है और 16 टीमों को क्वालीफाई करना है। हम अब भी क्वालीफाई करने के दावेदार हैं। ’’ शरत ने कहा, ‘‘जनवरी में पुर्तगाल में एक टूर्नामेंट है जिससे हम क्वालीफाई कर सकते हैं और एकल के लिये अप्रैल में एशियाई क्वालीफिकेशन होगा। अगर वहां क्वालीफाई नहीं कर पाये तो फिर विश्व रैंकिंग मायने रखेगी लेकिन हमें क्वालीफाई करना चाहिए। ’’