By विजयेन्दर शर्मा | Dec 10, 2021
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पुरानी पेंशन की बहाली को उम्मीद लगाये बैठे पेंशनर व सरकारी र्किचारियों को आज निराशा हाथ लगी है। सरकार ने सापफ कर दियष है कि फिलहाल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल नहीं होगी। न ही सरकार के लिये ऐसा करना संभव है।
धर्मशाला में चल रहे शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को सरकार ने पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर पूछे गए एक तारांकित सवाल के जवाब में लिखित जवाब दिया है कि नई पेंशन व्यवस्था केंद्रीय कर्मचारियों तथा लगभग सभी राज्यों के कर्मचारियों पर लागू है। इसलिए वर्तमान में पुरानी पेंशन बहाली करना संभव नहीं है। पुरानी पेंशन योजना लागू पर एक मुश्त अनुमानित व्यय लगभग 2000 करोड़ होगा तथा प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय लगभग 500 करोड़ होने का अनुमान है।
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, नैना देवी के विधायक रामलाल ठाकुर, नादौन के विधायक सुखविंद्र सुक्खू तथा किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के जवाब में सरकार ने लिखित में तीन वर्षों के दौरान की गई नियुक्तियों का भी विभागवार ब्यौरा दिया है। जिसके मुताबिक 23,931 नियुक्तियां विभिन्न विभागों में की गई है।
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीखे तेवर करने की रणनीति बनाई है। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने बैठक में ऐसा निर्णय लिया है कि प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे कारण दिया है कि सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से विफल हो चुकी है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। राज्य के विभिन्न समुदायों के लोग भयभीत है। पुलिस बल में निराशा की भावना, इसका एक मुख्य कारण बताया जा रहा है। शोक प्रस्ताव के बाद विपक्षी कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। अविश्वास प्रस्ताव लाने को कांग्रेश विधायकों ने रणनीति को अंतिम रूप दिया है।