By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 03, 2019
इस्लामाबाद। इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) ने शनिवार को दक्षिण एशिया में तनाव कम करने और लंबित मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए हल करने की अपील की। आईओसी मुस्लिम बहुल 57 देशों का संगठन है। यह आमतौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है और कश्मीर पर अक्सर इस्लामाबाद का पक्ष लेता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को आईओसी के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) के 46वीं सत्र के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया था। वह आईओसी की सभा को संबोधित करने वाली पहली भारतीय मंत्री हैं।
शनिवार को पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने कहा कि अबू धाबी में सीएफएम का 46वां सत्र समाप्त हो गया। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया है जिसमें कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का ‘समर्थन’ किया गया है। उसने दावा किया, ‘‘ इस प्रस्ताव में आईओसी के सदस्य राष्ट्रों ने दोहराया है कि जम्मू कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद का अहम मामला है और दक्षिण एशिया में अमन के ख्वाब को साकार करने के लिए इसका हल होना जरूरी है।’’
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उसने दावा किया कि प्रस्ताव में, कश्मीर में कथित मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर ‘गहरी चिंता जताई।’’ विदेश दफ्तर ने कहा कि प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के लागू करने के लिए उनके दायित्व को भी याद दिलाया। उसने कहा कि क्षेत्र में मौजूदा अस्थिर हालात के सदंर्भ में, आईओसी के सदस्यों देशों ने पाकिस्तान की ओर से लाए गए एक नए प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसमें ‘‘भारत द्वारा पाकिस्तान हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताई गई है।
पाकिस्तान के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि की है और भारत से धमकाने या ताकत के इस्तेमाल पर संयम बरतने का अनुरोध किया है।’’ विदेश दफ्तर ने कहा कि दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता और शांति पर आईओसी के प्रस्ताव में भारत के साथ बातचीत के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की नई पेशकश को और सद्भावना के तहत भारतीय पायलट को रिहा करने का भी स्वागत किया गया है। उसने कहा है कि प्रस्ताव में तनाव कम करने और लंबित मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए हल करने की अपील की।