By नीरज कुमार दुबे | Jun 03, 2023
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 280 हो गई और एक हजार से अधिक यात्री घायल हो गए। भारतीय रेलवे के इतिहास में इस चौथी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना से पूरा देश तो शोक में है ही साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इस रेल हादसे पर शोक जताया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी घटनास्थल पर पहुँच रहे हैं वह अस्पतालों में जाकर घायलों का हाल भी जानेंगे। उधर, रेलवे ने इस दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। रेल मंत्री ने दुर्घटना स्थल का जायजा लिया है और स्थानीय अस्पतालों में जाकर भी घायलों का हाल जाना है। प्रधानमंत्री और रेलवे ने रेल हादसे के पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और स्थानीय अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा रेल यात्रियों को अन्य साधनों के जरिये उनके गंतव्य तक पहुँचाया जा रहा है।
उधर, दुर्घटना स्थल पर बचावकर्ता गैस टॉर्च और इलेक्ट्रिक कटर की मदद से रातभर रेलगाड़ियों के बीच फंसे जीवित लोगों और शवों को बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 सचल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं। शवों को ट्रैक्टर समेत विभिन्न प्रकार के वाहनों में अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने ट्वीट किया, ‘‘बालासोर ट्रेन हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 233 हो गई है।’’
हादसा कैसे हुआ?
हम आपको बता दें कि कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम को सात बजे के आसपास हुआ यह हादसा भारत का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। अधिकारी ने कहा, ‘‘पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए।’’ उन्होंने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
एक यात्री ने कहा, ‘‘दुर्घटना के दृश्य इतने वीभत्स हैं कि उन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।’’ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में ब्रह्मपुर के रहने वाले पीयूष पोद्दार कोरोमंडल एक्सप्रेस से तमिलनाडु जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन के डिब्बे को एक तरफ मुड़ते देखा। ट्रेन इतनी तेजी से पटरी से उतरी कि हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर गिर गए। हमने अपने चारों तरफ शव पड़े हुए देखे।’’ स्थानीय लोग यात्रियों के चीखने की आवाजें सुनकर घटनास्थल की तरफ दौड़े और वहां पटरी से उतरे रेल के डिब्बे देखे, जो ‘‘स्टील का बिखरा हुआ ढेर’’ लग रहे थे। रूपम बनर्जी नाम की एक यात्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय लोग तुरंत हमारी मदद करने के लिए आगे आए... उन्होंने न केवल लोगों को बाहर निकालने में मदद की, बल्कि हमारा सामान निकाला और हमें पानी पिलाया।’’
हादसा स्थल के दृश्य
उधर, बालासोर जिला अस्पताल एक युद्ध क्षेत्र की तरह लग रहा है, जहां घायल लोग गलियारे में स्ट्रेचर पर लेटे हुए हैं, क्योंकि कमरों में जगह नहीं है। अस्पताल के बाहर स्थानीय लोगों की रक्तदान करने के लिए लंबी लाइन भी लगी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं। अस्पताल के मुर्दाघर में सफेद कफन में लिपटे शवों का ढेर लगा हुआ है, जिनमें से कई की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि हादसे का शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया गया है या कई देरी से संचालित होंगी।
रेल मंत्री का बयान
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में हुए भीषण ट्रेन हादसे के मद्देनजर शनिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में शनिवार को उस स्थल का दौरा किया, जहां शुक्रवार को भीषण रेल दुर्घटना हुई थी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब मुख्य रूप से राहत एवं बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्व सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ओडिशा में हुए रेल हादसे की जांच करेंगे।
शोक की लहर
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल हादसे पर दुख जताया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000-50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
हादसे की जाँच शुरू
इस बीच, रेलवे ने ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे की उच्च स्तरीय जांच शुरू की है, जिसकी अध्यक्षता दक्षिण-पूर्वी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है और इस प्रकार के सभी हादसों की जांच करता है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एसई (दक्षिण-पूर्वी) सर्किल के सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) एएम चौधरी हादसे की जांच करेंगे।’’ हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हादसा किस वजह से हुआ, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसका संभावित कारण सिग्नल में गड़बड़ी होना है।
कई ट्रेनें रद्द
उधर, तीन ट्रेन से जुड़े भीषण हादसे के बाद लंबी दूरी की 18 ट्रेन को रद्द कर दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि सात ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि 12837 हावड़ा-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12863 हावड़ा-बेंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12839 हावड़ा-चेन्नई मेल रद्द कर दी गई। उन्होंने कहा कि 12895 हावड़ा-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 20831 हावड़ा-संबलपुर एक्सप्रेस और 02837 संतरागाछी-पुरी एक्सप्रेस भी रद्द कर दी गई है।