By अभिनय आकाश | Oct 11, 2024
एक मशहूर लाइन है कि जो अपने देश के सीमाओं की हिफाजत नहीं कर सकता, वो देश आगे नहीं बढ़ सकता। सुरक्षा सबसे बड़ा फैक्टर होता है। संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना जिसे सशस्त्र संघर्ष के क्षेत्र में शांति बनाए रखने या फिर से स्थापित करने के लिए नियुक्त किया जाता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर इज़राइली सेना ने गोलीबारी की है। इज़राइल की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताई जा रही है। इजरायल के इस कदम से अमेरिका, भारत जैसे उसके मित्र देश भी टेंशन में आ गए हैं। वहीं यूएन मिशन ने कहा कि इस हमले में शांति रक्षकों को गंभीर चोटें नहीं आईं, लेकिन उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इटली के रक्षा मंत्रालय ने विरोध स्वरूप इजराइल के राजदूत को तलब किया।
यूएनआईएफआईएल के प्रवक्ता ने बताया, वे इंडोनेशियाई नागरिक हैं। इंडोनेशिया भी यूएनआईएफआईएल में सैनिकों का एक प्रमुख योगदानकर्ता है। पूरे मामले पर अमेरिका की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। व्हाइट हाउस ने कहा कि हम बहुत चिंतित हैं। हम जानते है कि इजरायल हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे के खात्मे के लिए ब्लू लाइन के पास लक्षित अभियान चला रहा है। यह भी जरूरी है कि वह संयुक्त राष्ट्र शांति दूतों की सुरक्षा को खतरा न डाले।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक सेना के प्रमुख ने कहा कि रविवार को 300 सैनिकों को दूसरी जगह पर तैनात करना पड़ा है। अभी 200 और सैनिकों को दूसरी जगह तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक सैनिकों की सुरक्षा अब खतरे में पड़ रही है। लेबनान में यूएन शांति सेना के अधिकारी एंड्रिया टेनेन्टी ने बताया कि गोले और छोटे हथियारों से हमला किया गया। यूएन ने यह भी बताया कि पिछले 12 महीनों में यह उन पर हुआ सबसे बड़ा हमला है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 22 लोग मारे गए और 117 घायल हुए। बेरूत से सटे खासकर घनी आबादी वाले दक्षिणी उपनगरों में हाल ही में इजराइली हवाई हमलों में हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्ला और अन्य वरिष्ठ कमांडर मारे गए हैं। हिजबुल्ला ने पिछले वर्ष आठ अक्टूबर को हमास और फलस्तीनियों के समर्थन में इजराइल पर रॉकेट दागना शुरू किया था, जिसके जवाब में इजराइल ने हवाई हमले किए।
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