By कमलेश पांडेय | Jan 11, 2022
बढ़ती महंगाई और कमाई के घटते अवसरों के बीच आने वाले अगले आम बजट 2022 के मद्देनजर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने आगामी 1 फरवरी को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट में पीपीएफ में निवेश की अधिकतम सीमा को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की सिफारिश केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से की है। उसे विश्वास है कि सरकार उसकी बात को मान जाएगी और शीघ्र ही घोषित होने वाले बजट प्रावधानों में उसे निश्चय ही जगह देगी।
बता दें कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अगले 1 फरवरी 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश होगा, जिसके लिए सरकारी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। इसके तहत स्टेकहोल्डर्स के अलावा राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपने अपने सुझावों की सूची (लिस्ट) सौंप दी है। इस कड़ी में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई), नई दिल्ली ने भी अपनी सिफारिशें भेजी है, जिसमें आम लोगों के लिए सुरक्षित भविष्य के वास्ते होने वाले निवेश के काम की चीज "पीपीएफ" की अधिकतम वार्षिक जमा सीमा को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की सिफारिश की गई है। उसका मानना है कि वैश्विक महामारी की मार से पिछले 2 वित्तीय वर्षों से जूझती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच अगला वित्तीय वर्ष और उसके वास्ते प्रस्तुत होने वाला यह बजट बेहद खास होगा।
बताया जाता है कि इस साल बजट सत्र 1 फरवरी से शुरू होने वाला है और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसी दिन संसद में अपना वार्षिक बजट 2022 पेश करेंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इंस्टीच्युट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट (आईसीएआई) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश की अधिकत्तम सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है।
# पीपीएफ एकमात्र सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत की है योजना, जिससे लोगों को होता है लाभ
आईसीएआई ने अपनी सिफारिश में स्पष्ट कहा है कि पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (पीपीएफ) में जमा होने वाली वार्षिक धनराशि की सीमा में वृद्धि किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि आम लोगों के भविष्य की सुरक्षा और 60 साल की आयु के बाद नियमित आमदनी होने का ये एकमात्र सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत योजना है। उसका यह भी मानना है कि पीपीएफ की जमा सीमा में प्रस्तावित वृद्धि से जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत को बढ़ावा मिलेगा और इसका मुद्रास्फीति विरोधी प्रभाव होगा।
# बजट 2022 के दृष्टिगत आईसीएआई ने दिए हैं ये-ये प्रमुख सुझाव
बजट 2022 के मद्देनजर आईसीएआई ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को निम्नलिखित प्रमुख सुझाव दिए हैं।
पहला, पीपीएफ में योगदान की वार्षिक सीमा 1.5 लाख रुपये की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाए।
दूसरा, धारा सीसीएफ के तहत कटौती की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाए।
तीसरा, बड़े पैमाने पर जनता को बचत के अवसर प्रदान करने के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती की मात्रा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जाए। बता दें कि केंद्रीय बजट 2022-23 के दृष्टिगत आगामी 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में अगला आम बजट पेश किया जाएगा। इसलिए उक्त सुझाव दिए गए हैं, ताकि उन्हें शामिल कर लिया जाए।
# जानिए, क्या है पीपीएफ और इसमें निवेश किये जाने पर क्या क्या मिलते हैं फायदे?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानि पीपीएफ भारत में सबसे लोकप्रिय, लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में से एक है। यह अवकाश प्राप्ति (रिटायरमेंट) के बाद निवेशकों के लिए लंबे समय तक सेविंग करने की एक बचत योजना है। वित्तीय मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि आप अपने जीवनसाथी के नाम पर यदि पीपीएफ अकाउंट खोलेंगे तो इससे निवेशक के पीपीएफ निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी। यह बात अलग है कि तब भी आयकर (इनकम टैक्स) छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये ही होगी। हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि यहां भले ही आपको आयकर में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके कई दूसरे फायदे भी हैं। जैसे, पीपीएफ निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाती है। वहीं, ई-ई-ई कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को पीपीएफ के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर भी टैक्स में छूट मिलती है।
# इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत क्लबिंग प्रावधानों का कोई असर नहीं
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी आय (इनकम) में जोड़ी जाएगी। हालांकि पीपीएफ के मामले में जो कि ईईई की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है। इस प्रकार आगामी 1 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से आमलोगों की गहरी उम्मीदें हैं, क्योंकि पीपीएफ में निवेश की अधिकत्तम सीमा के बढ़ने के आसार आईसीएआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सिफारिश करके पैदा कर दिये हैं। अब यह होगा कि नहीं, यह तो बजट प्रावधानों की संसद के पटल पर घोषणा के बाद ही पता चलेगा।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार