कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने एक बार फिर से विश्व के समक्ष चिंता की नई लकीरें खींच दी हैं। ओमीक्रोन लगातार विश्व के अलग-अलग देशों में अपने पैर पसार रहा है। जानकारी के मुताबिक अब तक यह 54 देशों में पहुंच गया है। ओमीक्रोन का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ ने भी इसे घातक वेरिएंट बताया है। डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन को वैरीअंट आफ कंसर्न की सूची में डाला था। ओमीक्रोन को B.1.1.529 बताया गया है। इन सबके बीच खबर यह भी है कि यह वेरिएंट दो हिस्सों में बंट चुका है। यह है BA.1 और BA.2। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे डरने की बजाए सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
जानकारी के मुताबिक के दक्षिण अफ्रीका में 8 नवंबर को ओमीक्रोन का पहला मामला पाया गया था। ओमीक्रोन में 50 से भी ज्यादा म्यूटेशन है। उसका मतलब साफ है कि यह बहुत तेजी से फैल सकता है। भारत में भी ओमीक्रोन के 23 मामले हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि भारत में ओमीक्रोन से संक्रमित एक व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वैज्ञानिक लगातार ओमीक्रोन से बचने के लिए लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को कह रहै हैं। बताया यह भी जा रहा है कि को वैक्सीन का बूस्टर डोज इससे बचाव में कारगर साबित हो सकता है।
कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के खिलाफ फाइजर का कोविड-19 रोधी टीका आंशिक सुरक्षा प्रदान करता है। एक प्रयोगशाला के अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन का अभी विशेषज्ञों ने मूल्यांकन नहीं किया है। मंगलवार को इसे वेबसाइट ‘मेडरेक्सिव’ पर साझा किया गया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि उन लोगों में काफी प्रतिरोधक क्षमता अधिक बनी, जिन्होंने टीके की दोनों खुराक ली थी और जो संक्रमित हो चुके थे। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ की पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने की थी।