चंडीगढ़।
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री
दुष्यंत चौटाला ने रविवार को कहा कि उनके राज्य के
चंडीगढ़ पर दावा छोड़ने से कुछ हासिल नहीं होगा जब तक कि
पंजाब भी ऐसा करने का फैसला नहीं कर लेता। चौटाला का यह बयान 1966 में अविभाजित पंजाब से अलग होकर अस्तित्व में आये हरियाणा राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर आया। चंडीगढ़ दोनों राज्यों की साझा राजधानी है और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय भी दोनों ही राज्यों का है।
रोहतक में हरियाणा दिवस समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में चौटाला ने कहा, ‘‘अगर हम चंडीगढ़ (पर दावा) छोड़ दें तो मुझे नहीं लगता कि हरियाणा के लिए कोई लाभ होगा। लेकिन यदि दोनों राज्य चंडीगढ़ को दिल्ली की तरह केंद्रशासित राज्य बना दें और उसके बाद अपनी अलग राजधानियां तथा उच्च न्यायालय की पीठों का गठन कर दें तो मैं मानता हूं कि दोनों राज्यों को फायदा होगा।