Purvottar Lok: पूर्वोत्तर की जनता ने खिला दिया कमल, त्रिपुरा-नगालैंड की सत्ता में BJP की जोरदार वापसी, मेघालय में भी प्रदर्शन सुधरा

By नीरज कुमार दुबे | Mar 02, 2023

नमस्कार प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। इस सप्ताह पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय की जनता ने निवर्तमान सरकारों को ही एक और कार्यकाल सेवा करने का जनादेश दिया। खासतौर पर इन चुनावों में भाजपा को जिस प्रकार की विजय मिली है वह दर्शा रही है कि उत्तर भारत की पार्टी समझे जाने वाली भाजपा ने पूर्वोत्तर में अपनी जड़ें गहरे तक जमा ली हैं। इसके अलावा असम में अतिक्रमण रोधी कार्रवाई इस सप्ताह भी जारी रही। बहरहाल, आइये एक नजर डालते हैं पूर्वोत्तर भारत से इस सप्ताह की बड़ी खबरों पर सबसे पहले बात करते हैं चुनावी राज्यों से आये परिणामों पर भाजपा की प्रतिक्रिया की।


भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पूर्वोत्तर में शांति और विकास के एजेंडे की सराहना की है। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि क्षेत्र के लोगों ने पहली बार देखा है कि केंद्र ने क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए कितनी बारीकी और ईमानदारी से काम किया है, चाहे वह राजमार्ग बनाने जैसी बड़ी परियोजनाएं हों या उन्हें पेयजल, मुफ्त राशन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना हो। उन्होंने कहा कि केंद्र और पूर्वोत्तर के बीच पहले एक व्यापक अंतर था, लेकिन मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दूरियों को खत्म कर दिया है। रीजीजू ने कहा कि त्रिपुरा के लोगों ने देखा है कि कैसे भाजपा ने पुरानी समस्याओं को हल करके उनसे किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए काम किया है।


त्रिपुरा

त्रिपुरा से आई खबरों के मुताबिक सत्तारुढ़ भाजपा को जनता ने एक बार फिर सत्ता में बैठने का जनादेश दिया है। भाजपा ने एक साल पहले यहां मुख्यमंत्री पद से बिप्लब देव को हटाकर माणिक साहा को कमान सौंप कर जो निर्णय लिया था, चुनाव परिणाम ने उस निर्णय को सही ठहरा दिया है। हालांकि भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले लेकिन सत्ता में दोबारा लौटना बड़ी कामयाबी है। त्रिपुरा में वामदलों और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन वह कोई करिश्मा दिखा पाने में विफल रहे। त्रिपुरा में पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा के नेतृत्व वाली टिपरा मोठा ने शानदार प्रदर्शन किया है। गौरतलब है कि यह इस नवगठित पार्टी का पहला विधानसभा चुनाव था। चुनावों से पहले इस पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन की खबरें थीं लेकिन ऐसा नहीं हो सका था। अब चुनाव परिणाम के बाद भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रमुख सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा है कि अगर टिपरा मोठा पार्टी भाजपा को अपना समर्थन देती है तो वह ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ के अलावा उसकी सभी मांगें मानने को तैयार हैं।

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नगालैंड

उधर, नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो यहां सत्तारुढ़ एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन सत्ता बरकरार रखने में सफल रहा। कुछ समय पहले यहां जिस तरह की नाराजगी देखी जा रही थी उससे सत्तारुढ़ गठबंधन का सत्ता में वापस लौटना मुश्किल लग रहा था। लेकिन नगा मुद्दों के जल्द राजनीतिक समाधान निकाले जाने और अफ्सपा क्षेत्रों को कम किये जाने के वादे भाजपा गठबंधन के पक्ष में गये। नगालैंड विधानसभा में पहली बार दो महिलाएं भी जीत कर पहुँची हैं। हम आपको यह भी बता दें कि अधिकतर सर्वेक्षणों में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन के सत्ता में बरकरार रहने का अनुमान जताया गया था।


इसके अलावा नगालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो ने इस सप्ताह मंगलवार को माओ मार्केट का दौरा किया, जहां सोमवार रात करीब 200 दुकानें भीषण आग में जलकर खाक हो गईं। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रभावित दुकानदारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद देने का आश्वासन भी दिया। नगालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) के एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण कच्चे ढांचे के भूतल पर लगी आग से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। बताया जाता है कि आग से बाजार में करोड़ों रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई। बाजार में कई सामग्रियों की दुकानें थीं जैसे सब्जियां, मांस, किराने का सामान, कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन आदि।


मेघालय

मेघालय से आये समाचार की बात करें तो यहां पहले भी त्रिशंकु विधानसभा के आसार जताये गये थे और चुनाव परिणाम भी वैसे ही आये। मुख्यमंत्री के रूप में कोनराड संगमा अपनी पार्टी एनपीपी को सबसे ज्यादा सीटें दिलाने में तो सफल रहे लेकिन पूर्ण बहुमत से चूक गये इसलिए उन्हें भाजपा तथा अन्यों की मदद से सरकार बनानी होगी। मेघालय में तृणमूल कांग्रेस ने भी काफी ताकत झोंकी थी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर की टीम ने यहां टीएमसी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया था लेकिन इसका कुछ ज्यादा असर नहीं हुआ। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार की बदौलत भाजपा अपना चुनावी प्रदर्शन सुधारने में सफल रही। वहीं कांग्रेस का चुनावी प्रदर्शन बहुत बुरा रहा।


अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि तिरप जिले से एनएससीएन (आईएम) के एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर असम राइफल्स की खोंसा बटालियन ने राज्य पुलिस के साथ नोगलो गांव से उग्रवादी को गिरफ्तार किया और उसके पास से हथियार बरामद किए। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार उग्रवादी की पहचान नाली होमन्यू न्यामते के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि वह सीमा से सटे गांवों में लोगों से जबरन वसूली करने के लिए म्यांमा की तरफ से भारत आया था। अधिकारियों ने बताया कि वह जिले के नोग्लो और लाजू क्षेत्र में स्थानीय लोगों और गांव के नेताओं को धमकी दे रहा था।


मिजोरम

मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो राज्य के मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) ने राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से खेल मंत्री रॉबर्ट रोमविया रोयते को कथित रूप से ‘लाभ के पद’ के लिए बर्खास्त करने का आग्रह किया है। ज़ेडपीएम ने आरोप लगाया है कि रोयते एक परामर्श कंपनी के मालिक हैं जिसने राज्य सरकार से कई अनुबंध हासिल किए हैं और यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है। उधर, रोयते ने मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।


इसके अलावा, आइजोल के यातायात जाम में अपनी कार फंसने के बाद मिजोरम के दो विधायक और एक मंत्री मंगलवार को दुपहिया वाहनों पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे। भूमि राजस्व और बस्ती मंत्री लालरुआत्किमा, विपक्षी जेडपीएम नेता लालदुहोमा और सत्तारूढ़ एमएनएफ विधायक एफ लालनुनमाविया के स्कूटर पर बैठ कर विधानसभा जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वे बजट सत्र में भाग लेने के लिए विधानसभा जा रहे थे तभी टेम्पल स्कवेयर और वैवकॉन के बीच सड़क की मरम्मत के कारण यातायात जाम की वजह से बीच रास्ते में फंस गए।


इसके अलावा, मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने राज्य विधान सभा में कहा कि असम ने राज्य की किसी जमीन का अतिक्रमण नहीं किया है। ललचमलियाना ने कहा कि मिजोरम ने असम के हाथों कोई जमीन नहीं गंवाई है, बल्कि 1933 की अधिसूचना के अनुसार असम में आने वाले कुछ क्षेत्रों पर मिजोरम का कब्जा है। मंत्री ने कहा कि मिजोरम-असम की सीमा पर खेती करने वाले किसी किसान को अभी तक कोई समस्या नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मिजोरम 1875 की अधिसूचना को अपनी वास्तविक सीमा मानता है। गौरतलब है कि दो पड़ोसी राज्यों के बीच 1875 और 1933 के दो औपनिवेशिक सीमांकन से उपजा सीमा संबंधी विवाद दशकों से बना हुआ है।


असम

उधर, असम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने लोगों को केंद्र सरकार द्वारा किये गये कार्यों से अवगत कराने और 2024 के लोकसभा चुनाव में अधिकतम संख्या में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है। उन्होंने केंद्र में लगातार तीसरा कार्यकाल देने की अपील करते हुए कहा कि यदि भाजपा सरकार लोगों के लिए काम कर रही है, लेकिन अधिकतम संख्या में सीट नहीं जीत पा रही है तो पार्टी के लिए इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है। भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक बैठक को मोरीगांव में संबोधित करते हुए रीजीजू ने कहा, ‘‘हमें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर उस पर काम करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भाजपा उम्मीदवार इस इलाके से सांसद चुने जाएं।’’ हम आपको बता दें कि मोरीगांव नगांव लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है, जिसे पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रद्युत बोरदोलोई ने भाजपा से छीन लिया था।


इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहू नृत्य को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज कराने के लिए गुवाहाटी में 14 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहेंगे। इस नृत्य कार्यक्रम में 11,140 नर्तक-नर्तकी और ढोल बजाने वाले कलाकार भागीदारी करेंगे। इस तरह, पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इस लोक नृत्य में भागीदारी देखने को मिलेगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘हम भारत के सभी राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी इसमें आमंत्रित करेंगे।'' उन्होंने कहा कि हमारे मंत्री उन्हें आमंत्रित करने के लिए 20 से 30 मार्च तक राज्यों का दौरा करेंगे।


इसके अलावा, गुवाहाटी में अतिक्रमण रोधी मुहिम के दौरान पुलिस से कुछ देर प्रतीक्षा करने का अनुरोध करते सात वर्षीय एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में बच्चा पुलिसकर्मी से अनुरोध करते दिख रहा है कि वह उसका घर ढहाने आए बुलडोजरों से कुछ देर प्रतीक्षा करने को कहे। कुल 19 सेकंड की इस क्लिप में बच्चा प्लास्टिक की दो टोकरियां लिए दिख रहा है, जिसमें घर का कुछ हल्का सामान है। वह अतिक्रमण रोधी मुहिम का वीडियो रिकॉर्ड कर रहे एक पुलिसकर्मी के पास जाता है और उससे अनुरोध करता है, ‘‘अंकल, उनसे कहिए वे अभी नहीं आएं, हमने अभी अपना सामान बाहर नहीं निकाला है। इसमें 10 मिनट और लगेंगे।’’ विभिन्न स्थानीय चैनल द्वारा प्रसारित वीडियो में उसी बच्चे को कथित रूप से अपने घर के मलबे पर बैठकर रोते दिखाया गया। आम नागरिकों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों और विपक्षी दलों के विधायकों ने सरकार से यह मुहिम तत्काल रोकने की अपील की है। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा बुधवार को अपने फैसले पर अडिग रहे और उन्होंने कहा कि अतिक्रमण रोधी मुहिम आगे भी जारी रहेगी और इसे धीरे-धीरे विस्तार दिया जाएगा।


इसके अलावा, नदी में चलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्रूज एमवी गंगा विलास वाराणसी से रवाना होने के 50 दिनों बाद इस सप्ताह मंगलवार को डिब्रूगढ़ पहुंच गया और इसकी यात्रा पूरी हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के शहर वाराणसी में 13 जनवरी को इस क्रूज को झंडी दिखाकर रवाना किया था। क्रूज ने यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम जैसे पांच राज्यों को पार किया। इसने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रास्ते 17 फरवरी को असम में प्रवेश किया।


इसके अलावा, एनआईए ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि असम के विधायक अखिल गोगोई को जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि वह राज्य में माओवादी गतिविधियों के एक सरगना हैं। गौरतलब है कि असम में, 2019 में संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ कथित तौर पर मुखर रहे निर्दलीय विधायक ने नौ फरवरी के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने एक एनआईए अदालत को उनके खिलाफ दो मामलों में एक में आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी थी। न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने गोगोई को तीन मार्च तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करते हुए कहा कि वह शुक्रवार को विषय की सुनवाई करेगी।


-नीरज कुमार दुबे

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