By नीरज कुमार दुबे | Jun 08, 2023
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। मणिपुर को शांत कराने के प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि अब भी रह-रह कर कोई ना कोई चिंगारी भड़क उठ रही है जिससे सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को हालात को संभालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके अलावा त्रिपुरा में भाजपा की ओर से लोकसभा चुनावों की तैयारियां तेज हो गयी हैं तो असम को इस सप्ताह विकास की कई नई सौगातें मिलीं। साथ ही केंद्र में नये मंत्रालय को संभालने के बाद अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर आये किरेन रिजिजू ने मोदी सरकार की उपलब्धियों से जनता को अवगत कराया तो अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से भी विभिन्न खबरें आईं। आइये एक नजर डालते हैं पूर्वोत्तर भारत से इस सप्ताह आई बड़ी खबरों पर लेकिन सबसे पहले बात करते हैं मणिपुर की।
मणिपुर
मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में करीब 57 हथियार और 323 गोला-बारूद बरामद किये गये हैं। राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि इसके साथ ही अब तक 868 हथियार और 11518 गोला-बारूद बरामद किये गये हैं। हालांकि अब भी बड़ी संख्या में लूटे गये हथियारों की बरामदगी नहीं हो सकी है। इस बीच इम्फाल घाटी के पांच जिलों में 12 घंटों और पड़ोसी पर्वतीय जिलों में आठ से 10 घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-37 पर आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है। हम आपको याद दिला दें कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिले में आयोजित आदिवासी एकता मार्च के दौरान हिंसक झड़प शुरू हो गई थी। जातीय हिंसा की घटनाओं में, अब तक करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक घायल हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले सप्ताह मणिुपर का दौरा किया था। उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। शाह ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की भी घोषणा की थी।
इसके अलावा, इस सप्ताह मणिपुर के पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी, जिससे उसमें सवार आठ वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना इरोइसेम्बा में हुई। उन्होंने कहा कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे। अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8), उसकी मां मीना हैंगिंग (45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है। असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इसके अलावा, मणिपुर के दो लोगों ने एक महीने पहले शुरू हुई जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में बार-बार इंटरनेट बंद किए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिका चोंगथम विक्टर सिंह और मेयेंगबम जेम्स ने दायर की है जिसमें कहा गया है कि संबंधित कदम से याचिकाकर्ताओं और उनके परिवारों पर महत्वपूर्ण आर्थिक, मानवीय, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है। इसमें कहा गया है कि इंटरनेट पर प्रतिबंध के चलते राज्य के निवासी "भय, चिंता, लाचारी और हताशा" की भावना का अनुभव कर रहे हैं, और वे अपने प्रियजनों या कार्यालय के सहकर्मियों के साथ संवाद करने में असमर्थ हैं। हम आपको बता दें कि मणिपुर सरकार ने मंगलवार को इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 10 जून तक बढ़ा दिया। इंटरनेट पर प्रतिबंध तीन मई को लगाया गया था।
इसके अलावा, केंद्र ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, आयोग तीन मई को और उसके बाद मणिपुर में विभिन्न समुदायों के सदस्यों को लक्षित कर हुई हिंसा और उसके कारणों की जांच करेगा। आयोग उन घटनाओं की ‘कड़ी’ और ऐसी हिंसा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि किसी जिम्मेदार अधिकारी/व्यक्ति की ओर से इस संबंध में क्या कोई चूक या कर्तव्य में लापरवाही हुई है? जांच में हिंसा और दंगों को रोकने तथा इससे निपटने के लिए किए गए प्रशासनिक उपायों पर भी गौर किया जाएगा। अधिसूचना के अनुसार, किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा आयोग को दी जाने वाली शिकायतों पर भी गौर किया जाएगा। आयोग जितनी जल्दी हो सके केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, लेकिन उसकी पहली बैठक की तारीख से छह महीने के भीतर यह कार्य हो जाना चाहिए। अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग अगर उचित समझे, तो उक्त तिथि से पहले केंद्र सरकार को अंतरिम रिपोर्ट दे सकता है। अधिसूचना के मुताबिक आयोग के अन्य सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी हिमांशु शेखर दास और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आलोक प्रभाकर शामिल हैं।
इसके अलावा, मणिपुर के काकचिंग जिले के सेरौ इलाके में मंगलवार सुबह संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ एक मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मृत्यु हो गई जबकि असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच यह गोलीबारी काकचिंग जिले के सुगनू में सैरो इलाके स्थित एक स्कूल में हुई। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध कुकी शरारती तत्वों ने सुबह करीब सवा चार बजे सेरौ प्रैक्टिकल हाई स्कूल में तैनात बीएसएफ जवानों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की। अधिकारी ने बताया कि इस गोलीबारी में कांस्टेबल रंजीत यादव को गोली लग गई और उन्हें काकचिंग के ‘जीवन अस्पताल’ ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भारतीय सेना के दीमापुर स्थित स्पीयर कोर मुख्यालय ने ट्विटर पर जानकारी दी कि असम राइफल्स के दो घायल जवानों को हवाई मार्ग से मंत्रिपुखरी ले जाया गया।
इस बीच, कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा की कुछ हालिया घटनाओें को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘चुप’ क्यों हैं तथा वह राज्य का दौरा कर समुदायों के बीच सुलह की अपील क्यों नहीं करते? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर भेजने की पहल क्यों नहीं कर रहे हैं?
मिजोरम
मिजोरम से आई खबर पर गौर करें तो आपको बता दें कि आइजोल की एक विशेष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में 45 वर्षीय एक व्यक्ति को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। विशेष अदालत ने सार्वजनिक क्षेत्र की एक फर्म में 268 लाख रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में सह-आरोपी मुस्तकुर रहमान पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। हम आपको बता दें कि पिछले सप्ताह, विशेष न्यायाधीश एचटीसी लालरिंचन ने रहमान को धन की हेराफेरी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप में दोषी ठहराया था।
असम
असम से आई खबर पर गौर करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सप्ताह असम में दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके साथ ही गडकरी ने असम में दो राष्ट्रीय राजमार्गों का उद्घाटन भी किया। इन चारों राजमार्ग परियोजनाओं की कुल लागत करीब 1,450 करोड़ रुपये है। गडकरी ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर 535 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन वाले मंगलदेई बाइपास बनाने और राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर 517 करोड़ रुपये की लागत से 13 किलोमीटर लंबे दबोका-परखुवा खंड के निर्माण की आधारशिला रखी। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 127 के 10 किलोमीटर लंबे एवं 247 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नगांव बाइपास- तेलियागांव खंड और इसी राजमार्ग के आठ किलोमीटर लंबे एवं 156 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तेलियागांव-रंगगरा खंड को राष्ट्र को समर्पित भी किया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि असम वृद्धि और विकास की दिशा में बढ़ रहा है और राज्य सरकार ने भी इन परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण एवं पर्यावरण मंजूरियां देने में तेजी दिखाई है। उन्होंने कहा कि यह असम समेत समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़कों एवं अन्य ढांचागत सुविधाओं के विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुरूप है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले में कमलासागर-कस्बा सीमा हाट के अगले महीने फिर से खुलने की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी के दौरान इसे बंद कर दिया गया था। यह हाट भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगने वाले साप्ताहिक बाज़ार है जहां दोनों ओर के विक्रेता अपना सामान बेचते हैं। दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम उपमंडल में श्रीनगर का सीमावर्ती हाट मई में पहले ही फिर से खुल गया है। बताया जा रहा है कि भारत-बांग्लादेश की संयुक्त टीम मरम्मत कार्यों का जायजा लेने के लिए अगले सप्ताह कमलासागर-कस्बा सीमा हाट का दौरा करेगी।
इसके अलावा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता जितेंद्र चौधरी ने त्रिपुरा में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस साल मार्च में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से पूर्वोत्तर के इस राज्य में 16 हत्याएं हो चुकी हैं। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि 10 मार्च के बाद राज्य में हत्याओं के अलावा आत्महत्या के 78 मामले, दुष्कर्म के 12, छेड़छाड़ के 137 और घरेलू हिंसा के 17 मामले दर्ज किये गये। उन्होंने कहा कि दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य में बढ़ता अपराध इसकी समग्र कानून-व्यवस्था को दर्शाता है और पार्टी के सुशासन के दावों की पोल खोलता है।
इसके अलावा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 18 जून को त्रिपुरा के संतिरबाजार इलाके में एक रैली को संबोधित करेंगे। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्य ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी नेताओं के साथ बैठकें की हैं। इस रैली को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। हम आपको बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य में दो संसदीय क्षेत्र हैं- त्रिपुरा पश्चिम और त्रिपुरा पूर्व, जिन्हें 2019 के चुनावों में भाजपा ने जीत लिया था।
नागालैंड
नागालैंड से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने नागालैंड सरकार के 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें बाजार और रेस्तरां में कुत्तों के मांस के वाणिज्यिक आयात एवं कारोबार तथा बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हम आपको बता दें कि नागालैंड सरकार ने बोरे में बांधे अशक्त कुत्तों की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित होने के बाद चार जुलाई, 2020 को अपने मुख्य सचिव के माध्यम से कुत्तों के मांस की बिक्री, कारोबार और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उच्च न्यायालय ने, हालांकि अपने एक हालिया आदेश में कहा है कि राज्य या उसके कार्यकारी अधिकारी दूसरों के अधिकारों में तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकते जब तक कि वे कानून के किसी विशिष्ट नियम का हवाला नहीं देते, जो उन्हें ऐसा करने के लिए अधिकृत करते हैं।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों, खासकर अरुणाचल प्रदेश में सड़कों के विकास को प्राथमिकता दी है, ताकि वहां रहने वाले लोगों में विश्वास पैदा किया जा सके। पृथ्वी विज्ञान मंत्री रीजीजू ने कहा कि पहले की नीतियों के विपरीत अब अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में विकास के लिए “आखिरी सीमावर्ती गांव को पहला भारतीय गांव माना गया है”। हम आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश म्यांमा, चीन और भूटान के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह “कांग्रेस की नीति थी कि सीमावर्ती क्षेत्रों को इस बहाने विकसित नहीं किया जाए कि अगर वहां बुनियादी ढांचा तैयार किया जाता है, तो चीन भारत के क्षेत्र में आ सकता है और घुसपैठ कर सकता है”।
इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर गोलीबारी में दो व्यक्तियों की मौत के सिलसिले में अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस प्रवक्ता रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि आरोपियों को लिकाबाली थाने में रखा गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान बागम तासो, इगिप तासो, मिकजोम तासो, बोम्पर तासो और योंगम न्गुबा के तौर पर हुई है। हम आपको बता दें कि अंतरराजीय सीमा पर गोलीबारी में असम के धेमाजी जिले के दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी। धेमाजी के लोगों ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अंतरराज्यीय सीमा क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया था। कुछ ग्रामीण व्यवस्था करने के लिए वहां पहले पहुंच गए थे। असम पुलिस ने कहा कि वे कथित रूप से गोलीबारी की चपेट में आ गए और एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई।
इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश की सरकार ने विभिन्न निजी बिजली कंपनियों के साथ किए गए 44 समझौता करार (एमओए) खत्म कर दिए हैं, क्योंकि इन कंपनियों ने उन्हें आवंटित की गई परियोजनाओं को पूरा करने में ‘‘बहुत कम दिलचस्पी’’ दिखाई थी। उपमुख्यमंत्री चौना मीन, जिनके पास बिजली विभाग का भी प्रभार है, उन्होंने पत्रकारों को बताया कि निजी कंपनियों से जो परियोजनाएं वापस ली गई हैं, उन्हें केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) को सौंप दिया जाएगा और इस संबंध में जल्द नए एमओए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। मीन ने कहा कि इन परियोजनाओं की स्थापित क्षमता 32,415 मेगावाट है।