By अजय कुमार | Mar 19, 2024
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इंडी गठबंधन की तरफ से कांग्रेस को अस्सी में से 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना है। बाकी सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी। इसमें से 1-2 सीटें सपा के सहयोगी दलों को भी मिलेंगी। समाजवादी पार्टी ने 41 सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिये हैं। इस तरह से अब मात्र 21 सीटों पर अब सपा के उम्मीदवारों का इंतजार है। बाकी 17 सीटें कांग्रेस को दी गईं हैं व एक सीट तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के हिस्से आई है। इस तरह से विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए की प्रदेश में कुल 59 सीटों पर तस्वीर साफ हो चुकी है। हालांकि इंडी गठबंधन की हिस्सेदार कांग्रेस ने अभी तक अपने कोटे की 17 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इनमें से तीन-चार सीटें सपा व कांग्रेस के बीच आपस में अदला-बदली भी होने की संभावना है। जिन 21 सीटों पर अभी सपा द्वारा प्रत्याशी नहीं तय किये गये हैं उसमें मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, बागपत, आगरा, कन्नौज, फतेहपुर, कौशांबी, कैसरगंज, फूलपुर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, संत कबीर नगर, जौनपुर, मछलीशहर, कुशीनगर, घोसी, सलेमपुर, बलिया, मीरजापुर व राबर्ट्सगंज शामिल है,लेकिन समाजवादी पार्टी की दुविधा कांग्रेस को लेकर है।
प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। इनमें सहारनपुर, अमरोहा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, सीतापुर, कानपुर, रायबरेली, अमेठी, झांसी, बाराबंकी, इलाहाबाद, महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव व वाराणसी लोकसभा सीट है। मगर कांग्रेस ने अभी तक इन सीटों के लिये कुछ भी जानकारी नहीं दी है। समाजवादी पार्टी के अंदरखाने चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ बसपा से भी हाथ मिलाना चाहती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को इस बात के लिये सहमति दे दी है कि वह चाहें तो बसपा से बात कर सकती है। अखिलेश में यह बदलाव चुनाव पूर्व सर्वे रिपोर्ट को समझने के बाद आया है। तमाम मीडिया संस्थाओं के सर्वे में इंडी गठबंधन को 7-8 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है, इसी के चलते अब अखिलेश को लगने लगा है कि हार से अच्छा यह है कि बसपा को साथ ले लिया जाये। हालांकि इसका नुकसान भी हो सकता है। राजनैतिक पंडित इस बात से भी इंकार नहीं करते हैं।
बहरहाल, सपा ने भदोही सीट ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को दी है। उसने यहां से ललितेश पति त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर सकी है जबकि सपा अब तक 41 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। कांग्रेस से एक-दो दिनों में सीटों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद सपा बची सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करेगी। खास बात यह है कि पहले चरण के चुनाव में आने वाली मुरादाबाद, रामपुर व पीलीभीत सीट पर भी अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। इसकी नामांकन प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू होने जा रही है। वैसे यही स्थिति भारतीय जनता पार्टी की भी बनी हुई है,उसने भी अभी तक प्रथम चररण की कई सीटों के लिये प्रत्याशी तय नहीं किये हैं।