By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 10, 2021
मॉस्को| ‘नोवाया गजेटा’ अखबार के संपादक दमित्री मुरातोव का कहना है कि उन्हें पता था कि उनका अखबार नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में अग्रणी दावेदार है क्योंकि उसने लगतार सत्ता, सरकार में भ्रष्टाचार और रूस में मानवाधिकार उल्लंघनों की आलोचना की।
मुरातोव को जब सह-विजेता घोषित किया गया, तब प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने की बात उनके दिमाग में नहीं थी। शुक्रवार के दिन पुरस्कार की घोषणा के वक्त मुरातोव एक रिपोर्टर एलेना मिलाशिना के साथ फोन पर किसी खबर के बारे में चर्चा कर रहे थे।
मुरातोव ने ‘एखो मोस्कवी रेडियो’ से कहा, ‘‘अचानक ओस्लो से एक ही बार कई फोन आए। लेकिन, मिलाशिना से कोई लापरवाह आदमी ही कहेगा रुको, मैं ओस्लो से बात करूंगा और फिर तुम और मैं चर्चा करते रहेंगे।’’ आखिरकार मुरातोव के अखबार के प्रवक्ता ने उन्हें बताया कि उन्होंने फिलीपीन की पत्रकार मारिया रसा के साथ, 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता है।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने इस बारे में चिंता जताई कि ‘नोवाया गजेटा’ को रूसी कानून के तहत ‘‘विदेशी एजेंट’’ के रूप में नामित किया जा सकता है। यह शब्द उन संगठनों और व्यक्तियों पर लागू होता है जो विदेशी धन प्राप्त करते हैं और अनिर्दिष्ट राजनीतिक गतिविधि में लगे हुए हैं।
‘नोवाया वर्मेया’ समाचार पत्रिका के संपादक येवगेनिया अलबाट्स ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मुरतोव को पुरस्कार मिलने से ‘नोवाया गजट’ को विदेशी एजेंट करार देने से परहेज किया जाएगा और एक तरह से रूसी पत्रकारों को भी सुरक्षा मिलेगी, जिन्हें अक्सर विदेशी एजेंट करार दिया जाता है। मुझे उम्मीद है कि इससे रूसी पत्रकारिता को इन कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने में मदद मिलेगी।