No-Trust Vote Debate: 'बेटे को सेट और दामाद को भेंट करना है', निशिकांत दुबे का सोनिया गांधी पर तंज

By अंकित सिंह | Aug 08, 2023

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया जिसके बाद उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है। उसने स्थगन आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कह रहे हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे। दूसरी बात, वह कहते हैं ''मैं सावरकर नहीं हूं'' - आप कभी सावरकर नहीं हो सकते। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसदों को INDIA का फुल फॉर्म नहीं पता है। उन्होंने कहा, "यहां सांसदों से बिना सोचे-समझे पूछें कि INDIA का पूरा नाम क्या है।"

 

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सोनिया गांधी पर कटाक्ष

निशिकांत दुबे सोनिया गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ''ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ये क्यों लाया गया है? सोनिया जी (गांधी) यहां बैठी हैं। मुझे लगता है कि उन्हें दो काम करने होंगे - बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है। यही इस प्रस्ताव का आधार है।' वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि मणिपुर के अल्पसंख्यकों को बेरहमी से मारा गया है। 143 लोग मारे गए हैं। 65,000 लोग राज्य छोड़कर भाग गए हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर की सड़कों पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, सामूहिक बलात्कार किया गया और नग्न घुमाया गया... मुख्यमंत्री असहाय हैं। पीएम संसद में नहीं आ रहे हैं और वह राज्य में नहीं गए हैं वहीं, I.N.D.I.A. पार्टियां वहां गईं और समझ गईं कि क्या हुआ है। 

 

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गौरव गोगोई ने क्या कहा

गौरव गोगोई ने कहा कि पीएम ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले रखा है। इसलिए, हमें उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनसे तीन सवाल हैं- 1- वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? 2- आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए? 3) प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?'' गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है। इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो गई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 

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