By दिनेश शुक्ल | Oct 30, 2020
इंदौर। कांग्रेस की सरकारों ने कभी ऐसे काम नहीं किए कि जनता उनको याद रखे। केंद्र में जब इनकी सरकार थी तो इन्होंने देश में अराजकता का माहौल बनाकर रखा हुआ था। प्रदेश में जब सरकार थी तो मध्यप्रदेश को बंटाढार कर रखा था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कामों पर जनता ने विश्वास जताया और कांग्रेस पार्टी पर आने वाले 15 वर्षों तक कोई भी विश्वास नहीं करेगा। बिहार चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव और राहुल गांधी एक ही मंच पर थे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से जबाव मांगा था कि चीन की सेना 1200 किलोमीटर अंदर कैसे आ गई? अब ये राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को कौन समझाए कि 1200 किलोमीटर सेना अंदर आ जाएगी तो वह दिल्ली के करीब ही पहुंच जाएगी। ये बातें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की संसद में एक मंत्री ने बयान दिया था कि पुलवामा की घटना हमारी कोम की सफलता है। मुझे बेहद अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस के नेता ने जब पुलवामा की घटना हुई, तब कहा था कि इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए। यह एक षड्यंत्र है और निश्चित रूप से उनके इस बयान को पाकिस्तान के अखबारों ने फ्रण्ट पेज पर छापकर प्राथमिकता दी थी, वहां हीरो की तरह दिखाए गए थे। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश में एक ऐतिहासिक निर्णय हुआ धारा 370 हटाना और यह कोई चोरी-छूपे नहीं हुआ है। जब कश्मीर में धारा 370 लगाई गई थी उस समय डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इसका विरोध किया था और देशभर में जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर की जेलों को भर दिया था।
संदिग्ध हालत में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जेल में मृत्यु हो गई थी। देश की एकता और अखण्डता के लिए किसी भी राजनैतिक दल का आजादी के बाद यह पहला बलिदान था और तब से लेकर आज तक हमने धारा 370 को हटाने के लिए प्रयास किए थे, जब जाकर धारा 370 हटी थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा फहराने के लिए डॉ. मुरली मनोहर जोशी को तिरंगा यात्रा निकालनी पड़ी थी और आज आसानी से हर जगह तिरंगा फहराया जा रहा है। तिरंगे की आन, बान और शान के लिए लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया था और गहरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ तिरंगा फहराया जाता था। आज एक नेता ये कह रही हैं कि मैं तिरंगे को हाथ नहीं लगाउंगी उन्हीं की पार्टी के नेताओं ने विरोध किया और श्रीनगर की गलियों में घूमे।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हत्याओं का दौर जारी है। नवरात्रि में हमारे 5 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई और दशहरे के दिन एक कार्यकर्ता की हत्या हुई, जिसमें बंगाल सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद भी पोस्टमार्डम नहीं होने दिया। बंगाल सरकार के पास कोई संवेदना नहीं है। इसको लेकर बंगाल में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 28 सीटों में विधानसभा के उपचुनाव हैं। यह चुनाव विशेष परिस्थितियों में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने एक बयान दिया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी कि यदि दिल्ली इशारा करेगी तो सरकार गिर सकती है। उस वक्त कांग्रेस में कमलनाथ के खिलाफ आक्रोश भी शुरू हो गया था और कुछ लोगों ने हमसे संपर्क भी किया था, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व ने ईशारा किया ही नहीं। हमें इस सरकार को काम करने देना चाहिए और प्रजातंत्र का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार बदली तो इसमें भारतीय जनता पार्टी की कोई भूमिका नहीं है। कमलनाथ की सरकार गिरना उसमें कमलनाथ का अंहकार जिम्मेदार है और दिग्विजय सिंह की राजनैतिक चतुराई जिम्मेदार है।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने किसानों से वचन पत्र में वादा किया था कि उनका दो लाख रूपए तक का कर्ज माफ कर दिया जाएगा और राहुल बाबा ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनने के 10 दिन के अंदर कर्जमाफ नहीं हुआ तो हम मुख्यमंत्री बदल देंगे। उनकी सरकार भी बन गई और 15 माह बीत गए थे, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ और उसमें भी शर्ते लगा दी थी कि सीमित कर्ज माफ करेंगे। माताओं-बहनों और बेटियों से कहा था कि कांग्रेस सरकार बनने पर समूह ऋण माफ कर देंगे, वे भी नहीं किए। बेरोजगार युवाओं से कहा था कि हम नौकरी की व्यवस्था करेंगे और यदि नहीं कर सके तो हर माह 4 हजार रूपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, वह भी नहीं दिया गया। दुग्ध व्यापारियों को 5 रूपए प्रति लीटर बोनस देने का वचन भी कमलनाथ ने दिया था, लेकिन वह वचन भी पूरा नहीं किया गया।