By प्रिया मिश्रा | Feb 15, 2022
हिन्दू धर्म में विवाह को व्यक्ति के जीवन का सबसे मत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। भारत में शादी तय होने से पहले वर-वधु का कुंडली मिलान करवाया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार विवाह से पूर्व वर-वधु का कुंडली मिलान बहुत आवश्यक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि वर-कन्या का कुंडली मिलान ना किया जाए या उनके गुण ना मिलते हों तो उन्हें जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र में ग्रह, योग, नक्षत्र, राशि आती के आधार पर वर और कन्या का कुंडली मिलान किया जाता है। यदि वर-वधु के पर्याप्त गुण मिल रहे हों तो शादी की तिथि और मुहूर्त निश्चित की जाती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि शुभ तिथि और मुहूर्त पर शादी ना हो वर और वधु को इसका प्रभाव उनके वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। यदि वजह है कि हमारे देश में शादी की तिथि किसी जानकार पंडित से लग्न और मुहूर्त विचारने के बाद ही तय की जाती है -
फरवरी में विवाह के 11 शुभ मुहूर्त
फरवरी माह में शादी की शहनाइयाँ खूब बज रही हैं। इस महीने कुल 11 शुभ विवाह मुहूर्त हैं। इस महीने 5, 6, 7, 9, 10, 11 और 12 को शादियाँ हो चुकी हैं। अब आगे 18, 19, 20 और 22 फरवरी को शुभ विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद सके बाद लगन समाप्त हो जाएगा। इस साल मार्च में सबसे कम शुभ मुहूर्त हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार 22 फरवरी को गुरु पश्चिम दिशा में अस्त हो रहे हैं। इस कारण शुभ विवाह मुहूर्त नहीं बन रहा है।
मार्च में सिर्फ 2 शुभ मुहूर्त
इस साल मार्च में केवल 2 शुभ मुहूर्त हैं। इसमें 4 और 9 मार्च को शादी का शुभ मुहूर्त रहेगा।
इस साल विवाह के अन्य शुभ मुहूर्त
अप्रैल - 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 24 और 27
मई - 2, 3, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 18, 19, 20, 21, 24, 25, 26, 31
जून - 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 17, 21, 22, 23
जुलाई - 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9
नवंबर - 24, 25, 26, 27, 28
दिसंबर - 2, 3, 4, 7, 8, 9, 13, 15, 16
- प्रिया मिश्रा