By अंकित सिंह | Jul 17, 2021
चारधाम यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। लेकिन श्रद्धालुओं के लिए इसकी लाइव स्ट्रीमिंग किए जा रहे है। श्रद्धालु तकनीक के जरिए चार धाम यात्रा के दर्शन कर सकते हैं। इन सबके बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी सुझाव को ध्यान में रखते हुए हमने चार धाम यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं करने का फैसला लिया है। उन्होंने अपने तर्क में कहा कि यह वेदों में कहीं नहीं लिखा गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम इस संबंध में हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करने जा रहे हैं।
बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का काम मंदिरों की आंतरिक व्यवस्थाओं पर अधिकार करना नहीं बल्कि सहयोग करना है और हमारा उद्देश्य मन्दिर परिसरों की सुविधाओं के विकास में सहयोगी बनना है। बोर्ड के सदस्यों से इस संबंध में सभी पक्षों को अवगत कराने की अपेक्षा करते हुए धामी ने कहा कि इस बारे में सभी संबंधित लोगों से वार्ता भी की जायेगी। चारों धामों, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहित लंबे समय से बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में लाए गए एक अधिनियम के जरिए बोर्ड का गठन किया गया और उसे चारधाम सहित 51 मंदिरों के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गयी, जिसे अपने अधिकारों का हनन मानते हुए तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं। धामी के पूर्ववर्ती तीरथ सिंह रावत ने चारों धामों को देवस्थानम बोर्ड के दायरे से बाहर करने की घोषणा की थी लेकिन इस दिशा में कुछ होने से पहले ही उनकी पद से विदाई हो गयी। बोर्ड की बैठक में धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मन्दिरों के गर्भगृह से सीधा प्रसारण नहीं किये जाने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।