By अभिनय आकाश | Jun 17, 2023
विपक्ष शासित राज्यों में साीबीआई-ईडी जैसी सेंट्रल जांच एजेंसियों की एंट्री और एक्शन पर सवाल उठते रहे हैं। विपक्षी दलों की तरफ से ये आरोप भी लगाए जाते रहे हैं कि केंद्र सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाया जाता है। विपक्ष शासित 10 ऐसे राज्य हैं जहां सीबीआई बिना राज्य सरकार के इजाजत के कोई जांच या धर-पकड़ नहीं कर सकती है। तमिलनाडु इन 10 राज्यों की सूची में ताजा-ताजा जुड़ा है। तमिलनाडु सरकार ने राज्य में जांच करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सहमति वापस ले ली।
तमिलनाडु सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
राज्य के विद्युत और मद्यनिषेध एवं आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी को धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किये जाने के दिन यह कदम उठाया गया है। गृह विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम,1946 (1946 का केंद्रीय अधिनियम 25) के एक विशेष प्रावधान के अनुसार सीबीआई को जांच करने के लिए जाने से पहले संबद्ध राज्य सरकार की पूर्व अनुमति लेनी पड़ती है। इसमें कहा गया कि तमिलनाडु सरकार ने उक्त नियम के तहत 1989 और 1992 में कुछ तरह के मामलों में दी गई सहमति वापस लेने का आदेश जारी किया। इस तरह, सीबीआई को राज्य में जांच करने के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी।
सीबीआई जांच
अगर कोई राज्य सरकार किसी आपराधिक मामले की जांच का सीबीआई से आग्रह करती है तो सीबीआई को पहले केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT)द्वारा एक अधिसूचना जारी किया जाता है। जिसके बाद सीबीआई द्वारा तफ्तीश शुरू की जाती है। वहीं भारत का सुप्रीम कोर्ट या राज्यों के हाई कोर्ट भी मामले की जांच का सीबीआई को आदेश दे सकते हैं।
सीबीआई को दी गई 'सामान्य सहमति' क्या है?
दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम में कहा गया है कि सीबीआई को उस राज्य में किसी अपराध की जांच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। संबंधित राज्य में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की निर्बाध जांच करने के लिए सीबीआई को सुविधा प्रदान करने के लिए आम तौर पर सभी राज्यों द्वारा सामान्य सहमति दी जाती है। हालांकि, अगर यह सहमति वापस ले ली जाती है, तो केंद्रीय एजेंसी को राज्य के अधिकार क्षेत्र से संबंधित कोई भी नया मामला दर्ज करने के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।
इन राज्यों में सीबीआई की एंट्री बैन
विपक्षी शासित राज्यों- पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, मेघालय, तेलंगाना और मिजोरम के बाद अब तमिलनाडु भी केंद्रीय जांच एजेंसियों पर बैन लगाने वाले राज्यों में शुमार हैं। मेघालय ऐसा करने वाली पहली एनडीए सरकार बनी। इन राज्यों ने सीबीआई को जांच के लिए दी जाने वाली 'सामान्य सहमति' को हटा दिया। इन राज्यों में अगर किसी मामले की जांच सीबीआई को करनी है, तो राज्य सरकार से पूछना होगा। जिन राज्यों में 'सामान्य सहमति' नहीं दी गई है या फिर जहां विशेष मामलों में सामान्य सहमति नहीं है, वहां डीएसपीई एक्ट की धारा 6 के तहत राज्य सरकार की विशेष सहमति जरूरी है।