By दिव्यांशी भदौरिया | Dec 28, 2024
पौष माह में पड़ने वाली अमावस्या काफी महत्वपूर्ण होती है। इस बार अमावस्या सोमवार को पड़ रही है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अगर अमावस्या की तिथि सोमवार या शनिवार को पड़ जाए, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत रुप से पूजा की जाती है। इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि अमावस्या के दिन पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक को सुख-शांति प्राप्त होती है।
आर्थिक लाभ के लिए उपाय
ज्योतिष के अनुसार, इस दिन को लेकर कुछ नियम का पालन करना जरुरी है। इस दिन भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र जाप करना जरुरी है। इसके साथ ही भगवान शिव को जलाभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है।
स्नान-दान का समय
30 दिसंबर को सुबह से ही अमावस्या तिथि लग रही है, इसलिए 30 दिसंबर को दिनभर स्नान-दान करना जरुरी है।
पूजा-विधि
सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद आप पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और गंगाजल अर्पित करें। वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें और ऊँ नम: शिवाय या ऊँ विष्णवे नम: का जाप करें। इसके अलावा पीपल को कच्चा दूध, जल, हल्दी और चावल अर्पित करें। आखिर में आप हाथ जोड़कर परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करें। पूजा में सच्ची श्रद्धा और आस्था रखें। नकारात्मक विचारों से बचें और दूसरों की भलाई का संकल्प लें।