By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 24, 2021
नयी दिल्ली। सरकार ने फैसला किया है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की भारतीय शाखा के जरिए बेची गईं वस्तुओं, सेवाओं पर दो प्रतिशत का डिजिटल कर नहीं लगेगा, ताकि उन्हें बराबरी का मौका मुहैया कराया जा सके। वित्त विधेयक 2021 में संशोधन करके यह स्पष्ट किया गया है कि विदेशी ई-कॉमर्स मंचों को दो प्रतिशत की समतुल्य उपकर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, यदि वे स्थाई रूप से यहां हैं या वे आयकर देते हैं। हालांकि, जो विदेशी कंपनी किसी तरह का कर नहीं देती हैं, उन्हें इसका भुगतान करना होगा। डिजिटल कर की शुरुआत अप्रैल 2020 में हुई थी और यह केवल ऐसी विदेशी कंपनियों पर लागू है, जिनकी वार्षिक आय दो करोड़ रुपये से अधिक है और जो भारतीय उपभोक्ताओं को वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन बिक्री शामिल है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक 2021 पर बहस का जवाब देते हुए कहा, ‘‘सरकारी संशोधन के माध्यम से ... मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि यह उपकर उन वस्तुओं पर लागू नहीं होती है, जो भारत के निवासियों के पास हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल लेनदेन के पक्ष में है और इसे कमजोर करने के लिए कभी भी कुछ किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह उपकर भारत में कर का भुगतान करने वाले भारतीय व्यवसायों के बीच बराबरी के मुकाबले के लिए लगाया गया है और यह उन विदेशी कंपनियों के लिए है जो भारत में व्यापार करती हैं लेकिन यहां कोई आयकर नहीं देती हैं।