सरकारजी चाहती हैं कि नागरिकों का स्वास्थ्य ठीक रहे, लोग ज़्यादा पियक्कड़ न बने। सरकार का ही शक्तिशाली विभाग चाहता है कि शराब के ठेके, हर साल ज़्यादा से ज्यादा में बिकें ताकि ज़्यादा टैक्स आए। हालांकि असली शराब, आनंद बहाए रखती है लेकिन नकली ज़हरीली शराब भी संतुष्ट करती है। हमारे यहां तो सरकार ही शराब बेचने को तैयार हो जाती है, होम डिलीवरी की योजना बनाती है। शराब पिए हुए मंत्री या संतरी को कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता, हां शराब योजना उचित तरीके से कार्यान्वित न कर पाने के अपराध में मंत्री गिरफ्तार होकर जेल जाते हैं।
शराब की तस्करी आराम से या थोड़ी मुश्किल से होती है, बापू की याद में जहां शराब बंदी है वहां भी शराब पानी की तरह चलकर रास्ता बना ही लेती होगी ऐसी आशा ही नहीं विशवास भी है। लेकिन इस बात पर विशवास करना मुश्किल है कि नकली, ज़हरीली शराब कम या ज़्यादा बनाने और पीने वालों को इसके नुकसान पता न हों। समझदार सरकारजी कभी नहीं समझाती कि कितनी पियो। जिसने पीकर मज़ा लेना है, लेगा, जिसने पीकर मरना है वह मरेगा। मरने के बाद दो चार बंदों से दो चार दिन पूछताछ करवाएगा।
अच्छी समझदार सरकारजी यह समझती हैं कि अल्कोहल (शराब को अल्कोहल कहना कितना सौम्य, सहज और सुरक्षित लगता है न) लोगों का मानसिक, शारीरिक दबाव कम करने की ज़रूरी और ज़िम्मेदारी भरी मदद करता है। लोगों को आपस में मिलने जुलने, विशेषकर व्यावसायिक लोगों की बहुत मदद होती है। शादियों व अन्य आयोजनों में यह ख़ास सहयोग करता है। शर्माती, घबराती महिलाओं ने भी सहयोग लेना शुरू कर दिया है। शरीर, दिमाग और दिल की सचाईयां और भड़ास निकल जाती है। अंग्रेज़ी में गालियां दिलवाती है। युवाओं को भी एक शरुआती मंच मिलता है खुलकर बात और व्यवहार करने का। सच्चे दोस्त की तरह साथ देती है।
इतनी फायदेमंद, ज़रूरी चीज़ के लिए कनाडा सरकार परेशान है। जहां दुनिया भर की बढ़िया वाइन बिकती है वहां की सरकारजी ने नागरिकों को हिदायत दी है कि एक सप्ताह में अल्कोहल के सिर्फ दो ड्रिंक्स लें। उन्होंने पीने वालों को समझाया है कि ज़्यादा पीने से कैंसर, हृदय रोग व अन्य कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बताते हैं अमेरिका का स्वास्थ्य विभाग पुरुषों को हफ्ते में दो और महिलाओं को एक ड्रिंक लेने की सलाह देता है। इस मामले में हम काफी आगे हैं।
किसी सूफी द्वारा की गई नई खोज बताती है कि तीन से छ ड्रिंक मॉडरेट और सात या उससे ज़्यादा ड्रिंक्स से उच्च जोखिम हो सकता है। हमारे यहां तो ऐसी बातें सुनने से पीने का मज़ा ज़्यादा किरकिरा नहीं होता। यह भी बताया जा रहा है कि पीने से लोग कई बार आक्रामक हो जाते हैं जिससे चोट लगने का डर होता है। यह तो साधारण सी बातें हैं जो हमें सदियों से पता हैं। दिलचस्प यह है कि कनाडा में जारी पिछले निर्देश ज़्यादा बेहतर थे जिसमें पुरुषों को एक सप्ताह में पंद्रह और महिलाओं के लिए दस ड्रिंक्स हो सकते थे। इस मामले में हम ज़्यादा तरक्की कर रहे हैं। महिलाऐं खूब मेहनत कर रही हैं। हमें यह पता है कि शराब पीने के लिए होती है नहाने के लिए नहीं।
- संतोष उत्सुक