By अंकित सिंह | Sep 13, 2022
बिहार में भले ही नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे हैं। लेकिन जब से उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया, उसके बाद से पार्टी के कई नेता अपना पाला बदल रहे हैं। कुछ दिन पहले मणिपुर के 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। तो अब दमन और दीव के जदयू के 17 जिला पंचायत सदस्यों में से 15 और राज्य जदयू की पूरी इकाई भाजपा में शामिल हो गई। मणिपुर और दमन तथा दीव से पहले अरुणाचल में भी जदयू के कई विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने ट्वीट कर कहा कि जदयू के दमन और दीव में 17 में से 15 जिला पंचायत सदस्य और पूरी इकाई ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है।
राष्ट्रीय राजनीति में अपना वर्चस्व दिखाने की कोशिश में जुटे नीतीश कुमार के लिए यह बड़ा झटका है। एक के बाद एक राज्य जदयू के हाथों से निकलते जा रहे हैं। बिहार में भाजपा को झटका देने वाले नीतीश कुमार को अब दूसरी राज्य में उनकी पार्टी के ही नेता झटका दे रहे हैं। भाजपा ने अपने ट्वीट में लिखा कि नीतीश कुमार द्वारा बिहार में विकास को गति देने वाली भाजपा का साथ छोड़कर बाहुबली, भ्रष्ट एवं परिवारवादी पार्टी का साथ देने के विरोध में दानह एवं दमन दीव के जेडीयू के 17 में से 15 जिला पंचायत सदस्य एवं प्रदेश जेडीयू की पूरी ईकाई आज भाजपा में शामिल हुई। भाजपा साफ तौर पर कह रही है कि उनकी पार्टी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का ही यह नतीजा है।
मणिपुर में जदयू के पांच विधायक ख. जायकिशन सिंह, नगुरसंगलूर सनाटे, मोहम्मद अचब उद्दीन, थंगजाम अरुणकुमार और एलएम खौटे ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इन सभी ने पिछले सप्ताह ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में सत्तारूढ़ भाजपा में विलय होने का फैसला लिया था। जदयू 2024 से पहले खुद को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती हैं। लेकिन अगर उसे ऐसे ही झटके लगते रहे तो कहीं ना कहीं उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दावा किया था कि 2023 के आखिर तक उनकी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन जाएगी।