By अभिनय आकाश | Apr 02, 2025
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक नया कानूनी झटका लगा है, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से जुड़ी कथित अनियमितताओं पर लोकायुक्त रिपोर्ट के निष्कर्षों को चुनौती देते हुए जन प्रतिनिधि न्यायालय का रुख किया है। ईडी ने अपनी आठ पन्नों की याचिका में न्यायालय से लोकायुक्त की रिपोर्ट को खारिज करने का आग्रह किया है, जिसमें तर्क दिया गया है कि उसकी अपनी जांच में सिद्धारमैया और उनके परिवार द्वारा गलत काम करने के पर्याप्त सबूत मिले हैं। एजेंसी ने दावा किया कि लोकायुक्त का निष्कर्ष, जिसमें मुडा मामले में कोई उल्लंघन नहीं पाया गया, त्रुटिपूर्ण था और उसकी जांच के निष्कर्षों का खंडन करता था।
ईडी ने अपनी याचिका में कहा कि हमारी जांच में स्पष्ट रूप से अनियमितताएं सामने आई हैं और यह दावा करना गलत है कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। केंद्रीय एजेंसी के इस कदम से कर्नाटक में राजनीतिक लड़ाई बढ़ने की उम्मीद है, जहां विपक्ष इस मुद्दे को कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। फरवरी 2025 में कर्नाटक लोकायुक्त ने जांच करने के बाद ‘बी रिपोर्ट’ पेश की थी; रिपोर्ट में सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती बीएम को आपराधिक सबूतों की कमी का हवाला देते हुए किसी भी गलत काम से मुक्त कर दिया गया था। लोकायुक्त की रिपोर्ट ने संकेत दिया कि आरोप दीवानी प्रकृति के थे और आपराधिक कार्यवाही की आवश्यकता नहीं थी।