वायु प्रदूषण आज एक जटिल और गंभीर समस्या है, जो स्वास्थ्य पर घातक प्रहार कर रहा है। इनडोर और आउटडोर दोनों ही प्रकार के वायु प्रदूषण, भारत में हो रही मौतों के प्रमुख कारणों में से एक हैं। वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में निरंतर काम किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आज हमारे पास कई ऐसे एयर प्यूरीफायर उपलब्ध हैं, जो इनडोर वायु प्रदूषण को कम करते हैं। वहीं, आउटडोर वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में दुर्गापुर स्थित वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से संबद्ध केन्द्रीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई) ने एक वायु-शोधक यंत्र (एयर प्यूरीफायर) विकसित किया है।
सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर डॉ हरीश हिरानी ने बताया कि “यह एयर प्यूरीफायर पाँच मीटर की परिधि में हवा को स्वच्छ करने में सक्षम है। यह हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। यदि किसी समय विशेष पर वायु प्रदूषण को कम करना है, तो इसके लिए इसमें टाइमर का विकल्प उपलब्ध है। इस एयर प्यूरीफायर की लागत भी बेहद कम है।” उन्होंने बताया कि इसे तैयार करने में 25 से 30 हजार रुपये का खर्च आ सकता है, जो इस पर निर्भर करता है कि आप इस प्यूरीफायर की बॉडी के लिए स्टील या प्लास्टिक में से किसका चयन करते हैं। इसका संचालन सौर ऊर्जा के माध्यम से भी किया जा सकता है। वहीं, इसे सड़क के किनारे भी स्थापित किया जा सकता है, जिससे वाहनों द्वारा हो रहे प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है।
हाल में, इस आउटडोर एयर प्यूरीफायर को संस्थान परिसर में स्थापित किया गया है। इस अवसर पर मौजूद सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) विकास संस्थान, दुर्गापुर के संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार दास ने अनुसंधान के क्षेत्र में सीएसआईआर-सीएमईआरआई के योगदान को सराहनीय बताया है। उन्होंने आउटडोर एयर प्यूरीफायर को नवीन और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए संस्थान के तकनीकी विकास और नवाचार के साथ परस्पर लाभ के लिए सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योगों से इस दिशा में आगे आने का अनुरोध किया है।
दुर्गापुर स्थित पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी अरूप कुमार डे ने सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित आउटडोर एयर प्यूरीफायर तकनीक को प्रभावी बताते हुए कहा है कि इस तरह के उत्पाद भारत जैसे विकासशील समाज में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर डॉ हरीश हिरानी ने बताया कि यह आउटडोर एयर प्यूरीफायर कई मापदंडों पर पश्चिम बंगाल में अपनी तरह का पहला उत्पाद है। उन्होंने कहा कि यह एयर प्यूरीफायर कुछ महीने पहले विकसित कर लिया गया था और इस पर कई प्रयोग चल रहे थे।