Prabhasakshi NewsRoom: Russia-Ukraine War को लेकर United Nations प्रमुख ने दिये बड़े संकेत, चीन-पाक पर भी साधा निशाना

By नीरज कुमार दुबे | Sep 09, 2023

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध के "निकट भविष्य" में शांतिपूर्ण समाधान की बहुत उम्मीद नहीं है। गुतारेस ने यह बात जी20 शिखर सम्मेलन से पहले संवाददाता सम्मेलन में कही। गुतारेस ने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए भारत की एक संभावित मध्यस्थ की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, “मुझे निकट भविष्य में किसी शांति समाधान की बहुत उम्मीद नहीं है। मेरा मानना है कि दोनों पक्षों ने संघर्ष पर अब भी आगे बढ़ने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा, “जाहिर है, हमें उन सभी की प्रशंसा करने की जरूरत है जिन्होंने अच्छे इरादे से इस नाटकीय स्थिति को खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश की।” यह पूछे जाने पर कि क्या यह संयुक्त राष्ट्र की विफलता है कि यूक्रेन संघर्ष जैसे मुद्दे जी20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा में बाधक बन रहे हैं, इस पर गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को उसके सदस्य देशों के कार्यों के लिए दोषी ठहराना आसान है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन पर आक्रमण नहीं किया, संयुक्त राष्ट्र ने इस संघर्ष के लिए परिस्थितियां उत्पन्न नहीं कीं। गुतारेस ने कहा, “सदस्य देशों को अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए और सदस्य देशों की विफलताओं या नकारात्मक कार्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए।”


भारत की दावेदार पर प्रतिक्रिया


इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझते हैं, लेकिन शीर्ष वैश्विक निकाय में सुधार के बारे में फैसला करना सदस्य देशों का काम है। हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की संरचना को “आज की दुनिया की वास्तविकताओं” के अनुसार समायोजित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया। गुतारेस ने कहा, “यह परिभाषित करना मेरा काम नहीं है कि सुरक्षा परिषद में कौन होगा या किसे होना चाहिए, यह फैसला सदस्य देशों को करना है, लेकिन मेरा मानना है कि हमें एक ऐसी सुरक्षा परिषद की जरूरत है जो आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व करे।” उन्होंने कहा, “सुरक्षा परिषद की वर्तमान संरचना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की दुनिया का प्रतिनिधित्व करती है। आज की दुनिया अलग है। जैसा कि आपने बताया, भारत आज दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।”

इसे भी पढ़ें: G20 summit के दौरान बेहद टाइट रहेगा PM Modi का पूरा शेड्यूल, सिर्फ सम्मेलन ही नहीं बल्कि दुनिया भर के नेताओं से द्विपक्षीय बैठक भी होगी

गुतारेस ने कहा “इसलिए, मैं इस संबंध में भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझता हूं। यह निर्णय करना मेरा काम नहीं है, यह सदस्य देशों का काम है, लेकिन मेरा मानना है और मैं दोहराता हूं कि हमें सुरक्षा परिषद की संरचना को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप समायोजित करने की आवश्यकता है। मुझे यकीन है कि आप उन वास्तविकताओं को अच्छी तरह से जानते हैं।' संयुक्त राष्ट्र महासचिव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि 20वीं सदी के मध्य का दृष्टिकोण 21वीं सदी में दुनिया की सेवा नहीं कर सकता है। उन्होंने दुनिया की बदलती वास्तविकताओं के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र में सुधार का जोरदार आह्वान किया था। हम आपको बता दें कि भारत यूएनएससी की स्थायी सदस्यता का प्रबल दावेदार है। भारत सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन) में कोई सार्थक पहल नहीं होने से नाराज है। फिलहाल यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य देश शामिल हैं। 10 अस्थाई सदस्य संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं। ये देश किसी भी ठोस प्रस्ताव पर वीटो कर सकते हैं।


चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना


इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता और अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था इसका गंभीरता से मुकाबला करे। गुतारेस ने यह भी कहा कि इस खतरे को लेकर भारत की स्वाभाविक रूप से अपनी चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करना ‘‘हम सभी’’ के लिए ‘‘मौलिक प्राथमिकता’’ होनी चाहिए और यह कुछ ऐसा है जो उनकी प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कुछ ऐसा है जो मेरी प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर है। जब मैं संयुक्त राष्ट्र में आया तो मैंने जो पहला सुधार किया वह वास्तव में आतंकवाद विरोधी कार्यालय स्थापित करना था।’’ सीमा पार आतंकवाद पर भारत की चिंताओं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सदस्य देशों के साथ सहयोग के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र क्या कर सकता है, यह पूछे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक मुद्दा बन गया है और भारत की ‘‘स्वाभाविक रूप से’’ अपनी ‘‘अपनी चिंताएं’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद वास्तव में ऐसी चीज है जिस पर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए और यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की मौलिक प्राथमिकता होनी चाहिए।’’ चीन द्वारा कुछ आतंकवादियों को काली सूची में डालने के प्रयासों को रोकने के बारे में पूछे जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होनी चाहिए।

प्रमुख खबरें

आतिशी को फर्जी केस में फंसाया जा रहा, अरविंद केजरीवाल बोले- जब तक जिंदा हूं, मुफ्त बस यात्रा नहीं रुकने दूंगा

मौका मौका हर बार धोखा... Delhi में AAP और BJP के खिलाफ कांग्रेस ने जारी किया आरोप पत्र

Atal Bihari Vajpayees 100th Birth Anniversary: राष्ट्र निर्माण के ‘अटल’ आदर्श की शताब्दी

Giani Zail Singh Death Anniversary: देश के पहले सिख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के कार्यकाल में किया गया था ऑपरेशन ब्लू स्टार