'मोदी मैजिक' के दम पर ही बन रही है तीसरी बार 'एनडीए सरकार'

By दीपक कुमार त्यागी | Jun 08, 2024

भारत में लोकतंत्र के महापर्व के अंतिम परिणाम फिर एक बार फिर देश में 'नरेंद्र मोदी' के नेतृत्व में एनडीए की सरकार के रूप में आ गये हैं। हालांकि 'नरेंद्र मोदी' के मैजिक के बावजूद हिन्दू वोटरों के जात-पात में बंट जाने के चलते देश में गठबंधन युग वापस आ गया है, जो कि देश में मजबूत सरकार व ताकतवर लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हालांकि देश में 'इंडिया गठबंधन' को आशा से अधिक सफलता मिली है, लेकिन वह लाख प्रयासों के बावजूद भी देश की जनता के मन में रच बसे 'मोदी मैजिक' का  पूरी तरह से तोड़ अभी तक भी नहीं ढूंढ पाया है। आज भी 'मोदी की गारंटी' में देश के बहुत बड़े आम जनमानस का विश्वास बना हुआ है।


लोकसभा के चुनाव परिणामों का  विश्लेषण करें तो देश में 10 साल से चली आ रही नरेंद्र मोदी की सरकार के विरोध में सत्ता विरोधी माहौल होने के बावजूद भी 'नरेंद्र मोदी' ने तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा व एनडीए गठबंधन के लिए सम्मानजनक बहुमत का बंदोबस्त कर ही दिया है। भाजपा के द्वारा लगभग एक तिहाई अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काटने के बावजूद भी 'मोदी मैजिक' के दम पर तीसरी बार एनडीए की सरकार बना कर के इतिहास रचने का कार्य 'नरेंद्र मोदी' ने किया है। ऐसा करके प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' ने 'इंडिया गठबंधन' के बहुत सारे नेताओं के प्रधानमंत्री बनने के सपने को परवान नहीं चढ़ने दिया। इस बार लोकसभा चुनावों में भाजपा ने अकेले दम पर 240 सीटों जीत कर के और एनडीए गठबंधन ने 293 सीट जीत कर के तीसरी बार सरकार बनाते हुए इतिहास रच दिया है।

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चुनाव परिणाम आने के बाद से ही देश व दुनिया के राजनीतिक विश्लेषक वर्ष 2024 के जनता के इस फैसले के निहितार्थ क्या हैं? यह आंकलन करने में लगे हैं।

मेरा मानना है कि जनवरी 2024 में उत्तर प्रदेश की पावन व दिव्य नगरी अयोध्या धाम में रामजन्म भूमि की ऐतिहासिक धरा पर हम सभी सनातन धर्मियों के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के दिव्य, भव्य व अलौकिक ऐतिहासिक मंदिर में प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप की अद्भुत प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करने के साथ ही प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' के पक्ष में देश में जबरदस्त माहौल बन गया था। जिसके चलते उम्मीद थी कि देश को फिर से एक बार एक दल की पूर्ण बहुमत वाली केंद्र सरकार का तोहफा मिलेगा, उस माहौल के चलते ही प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया था। लेकिन हिन्दू मतदाताओं के इस बार जातियों में बंट जाने के चलते 'नरेंद्र मोदी' का यह सपना पूरा नहीं हो पाया। हालांकि भाजपा के अधिकतर प्रत्याशी भी केवल 'नरेंद्र मोदी' के मैजिक के भरोसे ही बैठे रहे थे, उन्होंने जनता से ढंग से वोट तक नहीं मांगी जिसके चलते मोदी का अबकी बार 400 पार का सपना पूरा नहीं हो पाया।


हालांकि 4 जून चुनाव परिणाम के शुरुआती रुझानों में भी यह लगने लगा था कि 'इंडिया गठबंधन' आसानी से भाजपा की सरकार नहीं बनने देगा, उसके नेता दावा कर रहे थे कि 'इंडिया गठबंधन' अपनी सरकार बना लेगा। लेकिन धीरे-धीरे जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ने लगी 'मोदी मैजिक' ने अपना कमाल दिखा ही दिया और प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' के नेतृत्व में तीसरी बार केंद्र में 'एनडीए गठबंधन' की सरकार बनाने के लिए जनता ने स्पष्ट बहुमत दे दिया। लेकिन 39.56 प्रतिशत मत यानी की पूरे देश में 23 करोड़ 59 लाख 73 हजार 9 सौ 35 मत हासिल करने के बाद भी भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करने से चूक गयी। हालांकि वर्ष 2019 में भी भाजपा को 37.7 प्रतिशत मत मिले थे, लेकिन इस बार मात्र 1.14 प्रतिशत कम मत हासिल करने पर ही भाजपा की झोली से 63 सीटें निकल गयी, जो भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।


वैसे देश की जनता के एक बहुत बड़े वर्ग ने 'नरेंद्र मोदी' के करिश्माई व्यक्तित्व से प्रभावित होकर के भाजपा व एनडीए गठबंधन को वोट देने का कार्य किया है, उन्होंने मोदी के नेतृत्व में ही 'एनडीए गठबंधन' को पूर्ण बहुमत देकर के 'इंडिया गठबंधन' के नेताओं व उनकी नीतियों के खिलाफ़ वोट देना का कार्य किया है। आम जनमानस के बड़े वर्ग ने भारत में एक मजबूत नेतृत्व वाली, देश के सर्वांगीण विकास के लिए पुनः प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' पर पूर्ण विश्वास जताने का कार्य किया है। लोगों को आशा है कि प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' के नेतृत्व में जिस तेजी के साथ पिछले 10 वर्षों से देश में आधारभूत ढांचे के निर्माण करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, वह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजे 'एनडीए गठबंधन' के पक्ष में आने के बाद से निर्बाध रूप से चलता रहेगा, उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' पूर्ववर्ती गठबंधन वाली सरकारों की तरह किसी भी तरह से गठबंधन के दवाब में आ करके काम नहीं करेंगे, जो स्थिति विकासशील भारत के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। हालांकि इस बार के चुनावों के परिणामों आने के बाद अब भी 'नरेंद्र मोदी' दुनिया की लोकप्रिय शख्सियतों की सूची में शुमार हैं, जो एक नये भारत के निर्माण के लिए अच्छा संकेत है।


- दीपक कुमार त्यागी

वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक

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