By अंकित सिंह | May 30, 2023
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानि एनसीईआरटी ने एक बार फिर से बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला खालिस्तान को लेकर है। एनसीआरईटी ने 12वीं की नई किताब से खालिस्तान का जिक्र हटाने का फैसला किया है। यह फैसला अपने आप में बहुत बड़ा है। SGPC ने एनसीआरईटी को पत्र लिखकर इसे हटाने की मांग की थी। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब देश में खालिस्तान की मांग को धार देने की कोशिश की जा रही थी।
अधिकारी ने क्या कहा
स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि एसजीपीसी ने कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में श्री आनंदपुर साहिब संकल्प पर आपत्तिजनक सामग्री को लेकर एनसीईआरटी को पत्र लिखा था। लाइन '...लेकिन इसकी व्याख्या एक अलग सिख राष्ट्र की दलील के रूप में भी की जा सकती है' को हटा दिया गया है...उसी खंड में, चौथे पैरा के अंतिम वाक्य से, '...और खालिस्तान का निर्माण' है को भी हटाया गया है।
SGPC ने क्या कहा था
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि एसजीपीसी सिखों के बारे में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं पर कड़ी आपत्ति जताती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों में सिखों से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। सिखों को अलगाववादी के तौर पर पेश नहीं किया जाना चाहिए। पाठ को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। इससे पहले एनसीईआरटी ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए सीबीएसई कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से महात्मा गांधी, हिंदू-मुस्लिम एकता और आरएसएस पर कई ग्रंथों को भी हटा दिया है।