शारदीय नवरात्र शुरू होने वाला है आपने देवी के स्वागत की तैयारियां तो कर ली होंगी। अगर अभी तैयारी नहीं की है तो आइए हम आपकी मदद करते हैं। आइए हम आपको भगवती की आराधना से जुड़ी सामग्रियों के बारे में बताते हैं ताकि मां दुर्गा की अर्चना अधूरी न रह जाए।
घर लाएं मां की नई मूर्ति
मां दुर्गा की प्रतिमा तो पहले से घर में मौजूद होगी लेकिन अगर आप नयी प्रतिमा लाते हैं तो आपके लिए बेहतर होगा। इसलिए आप पूजा का सामान खरीदते समय देवी की नयी मूर्ति या फोटो जरूर खरीदें। साथ ही ध्यान रखें कि मूर्ति मिट्टी की बनी हो।
कलश स्थापना का सामान
कलश स्थापना की तैयारी आप पहले कर लें क्योंकि नवरात्र प्रारम्भ होने पर पहले ही दिन कलश स्थापित किया जाता है। इसके लिए मिट्टी का कलश, मिट्टी का कटोरा और साफ मिट्टी खरीदें। साथ ही रोली, कपूर, रक्षा सूत्र और लौंग इलायची भी लें। इसके अलावा अक्षत, सुपारी, आम के पत्ते, नारियल, फल-फूल और पान के पत्ते भी खरीदें।
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जौ बोने की भी करें तैयारी
जौ बोने के साफ पानी, जौ और एक मिट्टी का कटोरा पहले से तैयार कर लें।
आसान का करें खास इंतजाम
देवी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सदैव एक आसन की व्यवस्था करें। इसके लिए बाजार से लकड़ी की छोटी चौकी खरीद लें। उसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। देवी को लाल रंग बहुत प्रिय है इसलिए लाल कपड़े का चुनाव करें।
अखंड ज्योति के लिए खरीदें सामान
नवरात्र की पूजा में अखंड ज्योति का खास महत्व होता है। यह ऐसी ज्योति होती है जो नौ दिन चौबीस घंटे जलती है इसलिए किसी तैयारी में कोई कमी न छोड़े। इसके लिए आप मिट्टी का दिया या पीतल का बड़ा दीपक, बाती और शुद्ध देशी घी खरीदें।
हवन सामग्री भी हो पवित्र
हवन के लिए सबसे पहले हवन कुंड खरीद लें। इसके अलावा पांच मेवा, कपूर, सुपारी, गुग्गुल, घी, रोजाना लौंग के 9 जोड़े, चावल, लोबान इत्यादि भी तैयार रखें।
मां की चुनरी भी है विशेष
दुर्गा मां को केवल चुनरी नहीं चढ़ाएं बल्कि उसके साथ कुछ और सामान भी अर्पित करें। चुनरी के साथ देवी को सुहाग का सामान भी चढ़ाएं। सुहाग के सामान में सिंदूर, महावर, नारियल, फल, पंचमेवा और मिठाई चढ़ाने से देवी खुश होती हैं और आशीष देती है। साथ ही लाल चूड़ियां, मेहंदी, कुमकुम और आलता भी चढ़ा सकते हैं।
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भोग का भी रखें ख्याल
नवरात्र के नौ दिनों में देवी को भोग लगाने की विशेष व्यवस्था करें। देवी मां को भोग लगाकर लोगों में प्रसाद बांटें। प्रसाद चढ़ाने के लिए मिठाई, फूलदाना, मेवा, फल, के साथ ही आप मिस्री, इलायची, लौंग और मखाना भी लेना चाहिए।
कन्या पूजन की भी कर लें तैयारी
नवरात्र के बाद अष्टमी या नवमी को कुंवारी कन्याओं को भोजन कराकर नवरात्र का समापन किया जाता है। कन्याओं को भोजन कराकर दान दिया जाता है इसे भारत के कुछ इलाकों में कंचक भी कहा जाता है। इसलिए इस अवसर की विशेष तैयारी करें। इसके लिए कपड़े, खाने की प्लेट और लड़कियों को देने के लिए उपहार खरीदें।
प्रज्ञा पाण्डेय