भारतीय राजनीति को नया आयाम देने वाली शख्सियत हैं नरेंद्र मोदी

By दीपक कुमार त्यागी | Sep 17, 2021

भारतीय राजनीति में ओजस्वी व्यक्तित्व के धनी ऐसे चंद लोग ही पैदा हुए है, जिन्होंने अपनी शैली के बलबूते देश की राजनीति को अपने इर्दगिर्द केन्द्रित रखते हुए जनता के दिलोदिमाग पर छा जाने का कार्य बेहद सफलता के साथ किया हो। नरेंद्र मोदी भी भारतीय राजनीति की उन शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी कार्यशैली, जबरदस्त मेहनत, वाकपटुता, आम व खास सभी वर्गों की जनता को मंत्रमुग्ध कर देने वाली करिश्माई भाषण की शैली के बूते यह स्थान हासिल किया है। नरेंद्र मोदी अपनी मेहनत राजनीतिक कार्यशैली के बदोलत आम जनमानस के बीच बेहद लोकप्रिय होकर के राजनीति के जबरदस्त प्रतिस्पर्धा वाले क्षेत्र में शुन्य से शिखर पर विराजमान हुए हैं। नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में 13 वर्ष तक यादगार शासन चलाने के बाद वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभालने का कार्य किया था, 7 वर्ष से अधिक समय से वह इस महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन बेहद सफलतापूर्वक कर रहे हैं। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी अपनी जबरदस्त लोकप्रियता के बलबूते एक ऐसी सफल राजनीतिक शख्सियत बनकर उभरे हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी को केंद्र की सत्ता में आसीन करते हुए, 30 वर्ष बाद किसी दल को अपने दम पर केंद्र की सत्ता में लाकर के उसको दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने के मुकाम पर पहुंचाने के कार्य को बखूबी अंजाम दिया है, देश-दुनिया के राजनीतिक गलियारों में शायद ही कोई ऐसा दूसरा उदाहरण देखने को मिले। नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल करके पार्टी के मुकद्दर को पूरी तरह से ही बदल डालाने का कार्य किया था। इसके बाद तो मोदी लहर के दम पर देश के चुनावी मैदान में चुनाव दर चुनाव भाजपा का ग्राफ बहुत तेजी के साथ बढ़ता चला गया और केन्द्र व राज्यों की राजनीति से विपक्षी दलों का तेजी से सफाया होता चला गया था। आज स्थिति यह हो गयी है कि प्रसिद्धि के मसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब केवल भारत तक सीमित नहीं रहे हैं बल्कि वह दुनिया में भी बेहद लोकप्रिय होकर के विश्व की उन चंद ताकतवर अहम शख्सियतों में शामिल हो चुकें हैं, जिनकी राजनीति व कार्यशैली का लोहा देश में पक्ष-विपक्ष के साथ-साथ आम व खास जनता और देश-विदेश के ताकतवर लोग भी मान रहे हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी ने अपनी शून्य से शिखर तक की इस महत्वपूर्ण यात्रा में विभिन्न राजनीतिक पारियों को खेलते हुए, अपनी कार्यशैली के बलबूते गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जो कार्य किये उन्होंने देश के आमजन के बीच उन्हें लोकप्रिय बनाने का कार्य किया था, उसके पश्चात नरेंद्र मोदी ने समय-समय पर विभिन्न मंचों से जो बेहद प्रभावशाली भाषण दिए हैं, उन्होंने देश में बड़ी संख्या में जनता को राजनेता के रूप में नरेंद्र मोदी का दिवाना बनाकर उन्हें देश के सर्वोच्च पदों में से एक प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचाने का कार्य बखूबी किया था। देश में आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए उनके कार्यक्रम स्थल पर अपार जनसमूह एकत्र होता है, रेडियो पर हर महीने होने वाली "मन की बात" की लोकप्रियता इसका सबसे बड़ा प्रमाण है, यह मोदी की भाषण शैली का ही कमाल है कि भाषण सुनने वाले लोग अपने कष्टों को भूलकर के मंत्रमुग्ध होकर के भाषणों का आनंद लेते हैं। भारतीय राजनीति में सभी वर्गों की जनता के बीच लोकप्रियता का ऐसा जलवा आजतक चंद राजनेताओं का ही रहा है।

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हालांकि इस वर्ष भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने के लिए उनके जन्मदिवस 17 सितंबर 2021 से देश भर में 'सेवा और समर्पण अभियान' चलाने का फैसला किया है। आज के समय की भाजपा ने यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही सीखा है कि हर मौके को खूबसूरती के साथ एक सफल मेगा ईवेंट किस तरह से बदला जा सकता है, इसलिए ही सत्तारूढ़ दल भाजपा 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से लेकर के 7 अक्टूबर तक पूरे देश में यह अभियान चलायेगी। यहां आपको याद दिला दें कि 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे और इस वर्ष 7 अक्टूबर 2021 को वह निर्वाचित प्रमुख के रूप में लगातार बीस वर्ष के बेहद लंबे कार्यकाल को पूरा कर लेंगे। देश की राजनीति में ऐसे चंद लोकप्रिय व्यक्ति ही हैं जिन्हें निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में जनसेवा का इतना लंबा अवसर मिला हो।


हालांकि उनकी इस यात्रा में उन्हें विभिन्न प्रकार की राजनीतिक दुश्वारियों का सामना भी करना पड़ा है, जो आज भी निरंतर जारी है। लेकिन यह नरेंद्र मोदी की हिम्मत व बेहतरीन कार्यशैली का ही कमाल है कि वर्ष 2013-2014 में वह गुजरात से बाहर आकर के देश की राजनीति के क्षितिज में जबरदस्त ढंग से अचानक उभर कर प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए थे, हालांकि तब से ही देश के बहुत सारे राजनीतिक लोगों व एक वर्ग विशेष के लोगों के बीच में ना जाने क्यों उनको निरंतर कमतर आंकने का प्रयास जारी है, देश के बहुत सारे राजनेताओं को लगातार यह बेचैनी है कि वह कैसे नरेंद्र मोदी को असफल साबित करके जनता की अदालत में प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित करने का कार्य करें, लेकिन नरेंद्र मोदी जनता के बीच में अपनी जबरदस्त लोकप्रियता व पकड़ बरकरार रखने में कामयाब हैं। हमारे देश के कुछ राजनेता अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते अक्सर यह भूल जाते हैं कि मोदी तीन बार गुजरात जैसे राज्य में मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अपनी गुजरात वाली छवि के बलबूते ही वह दूसरी बार वर्ष 2019 में फिर से देश का प्रधानमंत्री बनने में सफल रहे हैं। समय-समय पर कुछ राजनेताओं व चुनावी पंडितों के द्वारा बार-बार यह कहा जाता है कि भाजपा को अब राज्यों व राष्ट्रीय स्तर पर चुनावों में बड़ा झटका लग सकता है, लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि व राजनीतिक शैली का ही कमाल होता है कि वह हर बार जनता की अदालत में मजबूत होकर उभरते हैं। वर्ष 2014 से ही वह देश की केन्द्रीय चुनावी राजनीति का सबसे बड़ा व सफल चेहरा बनकर उभरे हैं और सभी चुनावी पंडितों के आंकलनों को बार-बार ग़लत साबित होकर के राजनीति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्दगिर्द केन्द्रित रखने का कार्य करते हैं।

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एक जनप्रिय स्टार प्रचारक के रूप में नरेंद्र मोदी की राजनीति देश के उन राजनीतिक सिद्धांतों को आईना दिखाती है कि चुनावी मैदान में सफलता हासिल करने के लिए किसी एक व्यक्ति विशेष की छवि से काम नहीं चलता है, बल्कि पार्टी ही सब कुछ होती है, नरेंद्र मोदी की छवि ने भारतीय राजनीति में बने इस मिथक को तोड़ने का कार्य किया है, आज देश में छोटा या बड़ा चुनाव हर चुनाव भाजपा के द्वारा नरेंद्र मोदी के ही चेहरे के भरोसे पर लड़ा जा रहा है, चुनाव प्रचार में पक्ष हो या विपक्ष सभी के केन्द्र में नरेंद्र मोदी ही रहते हैं। मोदी ने देश की चुनावी जंग में बहुत लंबे समय से उपेक्षित रहने वाले बहुसंख्यक समुदाय के मतदाता को उसकी ताकत का आभास कराने का कार्य किया है। हमारे देश में कभी अल्पसंख्यक मतदाताओं के इर्दगिर्द केन्द्रित रहने वाली राजनीति को मोदी ने बदलकर सभी राजनीतिक दलों के केन्द्र में बहुसंख्यक मतदाताओं को लाकर देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल डाला है, यह मोदी की राजनीति का ही कमाल है कि आज देश के राजनेता बहुसंख्यक मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर छोटे-बड़े मंदिर में दर्शन करते हुए गर्व से घूम रहे हैं। नरेंद्र मोदी की राजनीतिक कार्यशैली की वजह से आज देश की राजनीति में बहुत बदलाव आये हैं, उन्होंने देश में अपने आपको चुनावी चाणक्य समझने वाले बहुत सारे ठेकेदारों व राजनेताओं को इकट्ठा बैठ कर सोचने पर मजबूर कर दिया है। नरेंद्र मोदी की राजनीति ने पक्ष विपक्ष के वर्षों से चले आ रहे उन सभी राजनीतिक हथकंडे को फेल करके आईना दिखाने का कार्य किया है, जिनको हमारे देश में मतदाता दशकों से देख और सुन रहे थे। नरेंद्र मोदी ने चुनावों में बहुत लंबे समय के बाद मतदान के समय में मतदाताओं को जाति के बेरियर तोड़कर इकट्ठा होने पर मजबूर करने कार्य किया। उन्होंने देश की राजनीति में लंबे समय से पक्षपातपूर्ण ढंग से चली आ रही धर्मनिरपेक्षता की मतदाताओं के सामने पोल खोलकर बहुसंख्यक मतदाताओं का दिल जीतने का कार्य किया, मोदी ने देश में जिस तरह से कुछ राजनीतिक दल लगातार धर्मनिरपेक्षता का अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करके भाजपा को हराने का कार्य करते थे उसको ही भाजपा की ताकत बनाकर विपक्षी दलों को सत्ता से बाहर करने का कार्य किया। मोदी ने देश के राजनेताओं के द्वारा एक ख़ास वर्ग-विशेष से वोट या समर्थन मांगने की नीति को बदलने का कार्य किया, उन्होंने बहुसंख्यक वोटरों की चौखट पर देश के राजनेताओं को वोट मांगने के लिए खड़ा होने पर मजबूर कर दिया। नरेंद्र मोदी ने भारत के 70 साल पुराने राजनीतिक दांव-पेंचों को पूरी तरह से बदल कर सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर उनके पास देश के मतदाताओं का दिल जीतने की कौन सी जादू की छड़ी है। वर्ष 2019 में एकबार फिर नरेंद्र मोदी ने प्रचंड बहुमत हासिल करके अपने शासन काल के दूसरे सफल कार्यकाल की शुरुआत की थी, लेकिन देश में कुछ राजनेता हैं कि उन्हें अभी भी मोदी फोबिया है वह अभी भी मोदी को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन यह सभी को समझना होगा कि नरेंद्र मोदी अधिकतर चुनावों में देश के मतदाताओं का दिल जीतकर भाजपा की चुनावी राजनीति के लिए एक बड़ी ताक़त बन कर उभरें हैं, उनको चुनावों में हराना इतना आसान नहीं है। आज देश में नरेंद्र मोदी की शख्सियत का यह कमाल है कि अब पक्ष-विपक्ष के राजनेताओं के साथ-साथ देश-विदेश के चुनावी पंडित उनकी चुनावी पॉलिसी और राजनीति पर खूब विचार-विमर्श और मंथन करके उनकी काट ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। खैर राजनीति के इस मैदान में भविष्य में क्या होगा यह तय करना देश के सभी सम्मानित मतदाताओं का अधिकार है, हमकों भी यह निर्णय उन पर ही छोड़ देना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के मौके पर उनको बहुत-बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए, सर्वशक्तिमान ईश्वर से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि देश से कोरोना महामारी का प्रकोप जल्द समाप्त हो और हमारा प्यारा देश विश्व में सफलता के नित-नये आयाम स्थापित करें ऐसी उम्मीद करनी चाहिए।


- दीपक कुमार त्यागी

स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक

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