नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रचा। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा और उसके एनडीए सहयोगियों के शीर्ष नेताओं को भी मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा। इस मील के पत्थर के साथ, नरेंद्र मोदी (73) जवाहरलाल नेहरू की उपलब्धि की बराबरी कर लेंगे, जिन्होंने भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकाल जीते थे। हालांकि उन्होंने केंद्र में सत्ता में अगले पांच साल हासिल कर लिए हैं, लेकिन कड़े मुकाबले के बाद लोकसभा में भाजपा द्वारा पूर्ण बहुमत खोने के बाद यह पहली बार है कि वह सत्ता साझा करेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह शाम 7:15 बजे शुरू होने वाला है, जो राष्ट्रपति भवन में होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद को पद की शपथ दिलाएंगी। जवाहरलाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार चुने जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। हालाँकि, इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलने के बाद वह पूर्ण गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने हाल के लोकसभा चुनावों में 293 सीटें हासिल कीं। भाजपा को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत के 272 के आंकड़े से पीछे रह गई। यह पार्टी के दशक भर के एकल-पार्टी प्रभुत्व में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।
मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार शाम को शपथ लेने वाली मंत्रिपरिषद में अपनी निवर्तमान सरकार के अधिकतर प्रमुख चेहरों को शामिल कर अपने नये कार्यकाल में निरंतरता का संदेश दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, निवर्तमान सरकार में गृहमंत्री रहे अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अलावा इसके अन्य वरिष्ठ सदस्य पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, गजेन्द्र सिंह शेखावत और हरदीप सिंह पुरी के नई सरकार का हिस्सा होने की पूरी संभावना है। संभावित मंत्रियों के साथ सुबह चाय पर मुलाकात के बाद मोदी ने उन्हें संबोधित भी किया।
आधिकारिक तौर पर जारी किए गए एक वीडियो के अनुसार, करीब 69 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। साल 2014 से यह एक परंपरा सी बन गई है कि मोदी मंत्रिपरिषद के गठन से पहले नेताओं को चाय पर बुलाते हैं और फिर कमाबेश वही चेहरे मंत्री पद की शपथ लेते हैं। हालांकि, संभावित मंत्रियों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर से जीत हासिल करने वाले निवर्तमान सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर उन नेताओं में शामिल नहीं दिखे, जिन्हें मोदी ने चाय पर बुलाया था और फिर बाद में उन्हें संबोधित किया था। अमेठी से बड़ी हार का सामना करने वाली निवर्तमान मंत्री स्मृति ईरानी और चुनाव जीतने वाले पुरुषोत्तम रूपाला को भी नई सरकार में जगह मिलने की संभावना नहीं है। करीबी मुकाबले में शशि थरूर से हारने वाले राजीव चंद्रशेखर को भी नई सरकार से दूर रखा जा सकता है।