By अनन्या मिश्रा | Dec 19, 2024
बीएससी की डिग्री स्टूडेंट्स को सिर्फ कलात्मक दुनिया के लिए तैयार नहीं करती बल्कि इस कोर्स में उनको व्यावसायिक समझ, स्थिरता और तकनीकी जानकारी से रूबरू करवाया जाता है। यह सारे कौशल मार्केट में सफल होने के लिए जरूरी माने जाते हैं। यह कोर्स उनके लिए उपयोगी होते हैं, जो व्यापार और कला में रुचि रखते हैं और ज्वेलरी डिजाइन के क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते हैं।
डिजाइन का विज्ञान
ज्वेलरी डिजाइन सिर्फ अंगूठी या नेकलेस का डिजाइन बनाने से कहीं ज्यादा है। इसमें ज्वेलरी के सांस्कृतिक महत्व को समझने के साथ, फंक्शन, मटेरियल, फॉर्म और मार्केट की मांग को ध्यान में रखना शामिल है। बीएससी कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स ज्वरी के पूरे जीवनचक्र के विभिन्न पहलुओं को समझ पाते हैं।
बहुमूल्य धातुओं की केमिस्ट्री
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि ज्वेलरी डिजाइन में कलात्मक अभिव्यक्ति का विशेष स्थान होता है। लेकिन इसके साथ तकनीकी ज्ञान होना भी बहुत जरूरी होता है। इन कोर्स में छात्रों को धातु-रत्नों से लेकर कंप्यूटर आधारित डिजाइन तकनीकों के बारे में शिक्षा दी जाती है। इसमें 3डी मॉडलिंग, जेमोलॉजी और बहुमूल्य धातुओं की केमेस्ट्री भी सिखाई जाती है। यह कोर्स छात्रों को तकनीकी ज्ञान और रचनात्मकता के बीच संतुलन बनाना सिखाता है। इसके जरिए छात्र खुद को मार्केट के हिसाब से तैयार करते हैं।
फैशन ट्रेंड्स की समझ है जरूरी
बता दें कि ज्वेलरी डिजाइनर सिर्फ आभूषण के डिजाइन पर ही नहीं बल्कि फैशन के रुझान और उपभोक्ता के व्यवहार की समझ होनी जरूरी है। इस कोर्स में वैश्विक बाजार, फैशन ट्रेंड्स और खरीददार की मानसिकता जैसी चीजों पर ध्यान दिया जाता है। इससे स्टूडेंट्स ऐसे आभूषण डिजाइन कर सकते हैं, जो दिखने में सुंदर और आकर्षक होने के साथ ही उपभोक्ता और बाजार के रुझानों में भी फिट हों।
ई-सेलर बनकर बनाएं वैश्विक पहचान
स्टूडेंट्स आभूषण स्टाइलिस्ट, जेमोलॉजिस्ट, आभूषण डिजाइनर, मर्चेंडाइजर और उद्यमी के तौर पर अपने कॅरियर को नई दिशा दे सकते हैं। बता दें कि स्टूडेंट्स डिजिटल मार्केटिंग और ई कॉमर्स के बढ़ते क्षेत्र के माध्यम से ज्वेलरी डिजाइनर ई-सेलर के तौर पर वैश्विक स्तर पर अपनी पहुंच बना सकते हैं। इन रचनाओं के जरिए छात्र न सिर्फ विदेश बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपने उत्पादों को बेच सकते हैं।